मंडला। कमिश्नर जबलपुर संभाग अभय वर्मा ने शुक्रवार को निर्माणाधीन संयुक्त तहसील कार्यालय मंडला का निरीक्षण किया। संयुक्त तहसील कार्यालय में अधिकारी कक्ष, रिकार्ड रूम, कर्मचारी कक्ष, सभाहॉल, न्यायालय कक्ष सहित अन्य कक्षों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने संयुक्त तहसील कार्यालय के उक्त निर्माण कार्यों को समय सीमा में गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करने के निर्देश दिए। संयुक्त तहसील कार्यालय में विद्युत, नल कनेक्शन, पेंट पुट्टी, दरवाजे, खिड़की लगाने सहित अन्य कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करने को कहा गया। इस अवसर पर कलेक्टर सोमेश मिश्रा, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, अपर कलेक्टर अरविंद सिंह, एसडीएम मंडला श्रीमती सोनल सिडाम, सहायक कलेक्टर आकिप खान, नायब तहसीलदार हिमांशु भलावी सहित विभागीय अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
लेखक- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद हैं।
मध्यप्रदेश की पुण्यभूमि, जो अपनी सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक गौरव के लिए प्रसिद्ध है, अब एक और ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने जा रही है। 25 दिसंबर 2024 को मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यानस यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों से होगा। यह क्षण न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए विकास, जल संरक्षण एवं जल समृद्धि की दिशा में एक नया अध्याय लिखने वाला होगा, साथ ही यह भारत की जल क्रांति की नई गाथा लिखने का भी प्रतीक बनेगा। शुभ योग यह है कि परियोजना का भूमिपूजन आधुनिक भारत के स्वप्न दृष्टा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के दिन हो रहा है, जिन्होंने भारत के विकास के लिए अनेक सपने देखे थे, उनमें नदियों को जोड़ना विशेष रूप से शामिल था। उन्होंने इस दिशा में प्रारंभिक कदम भी उठाए थे। प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी अब स्वप्न दृष्टा वाजपेयी जी के सपने साकार करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। यह परियोजना प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व, दूरदर्शिता, मध्यप्रदेश के प्रति उनके विशेष स्नेह और अटलजी के विचारों के प्रति समर्पण का एक और प्रमाण है, जो मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी सिद्ध होगी। प्राचीन भारतीय पौराणिक कथाओं में गंगा की धरा पर उपस्थिति का श्रेय राजा भागीरथ को दिया जाता है। राजा भागीरथ के तप और साधना से गंगा धरती पर अवतरित हुईं, जिसकी उपस्थिति से भारत का भू-भाग समृद्ध हुआ, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी आधुनिक भागीरथ हैं। मोदीजी ने भी जल संकट से जूझते भारत के लिए एक नई जल क्रांति की शुरुआत की है। जल संसाधनों को भारत की विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा बनाया है। उनके नेतृत्व में जल केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि मानवता के भविष्य और विकास का आधार बन गया है। गुजरात में जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उनकी जल नीतियों ने सूखे और जल संकट से जूझते गुजरात को जलसमृद्धि का अनूठा उदाहरण बनाया। गुजरात, जो कभी सूखे और जल संकट का प्रतीक था, आज नर्मदा नदी के जल से आच्छादित है। उनकी दूरदृष्टि और अदम्य साहस ने नर्मदा नदी के जल को सही दिशा में मोड़ते हुए गुजरात की प्यास बुझाई, कृषि क्षेत्र को समृद्ध किया और नर्मदा के जल से साबरमती नदी को भी नया जीवन दिया। यह उनकी नीतियों और इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि गुजरात में जल के अभाव का स्थान जल के सदुपयोग और समृद्धि ने ले लिया। गुजरात में उनका काम जल संकट से जूझ रहे राज्यों के लिए आदर्श बन चुका है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जल संरक्षण को केवल एक सरकारी नीति तक ही सीमित नहीं रखा। उन्होंने इसे राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा बनाया। उनके अनुसार, जल का प्रबंधन एक पुण्य कर्म है, जिसमें वर्तमान की जरूरतें और भविष्य की पीढ़ियों का उत्तरदायित्व दोनों निहित हैं। उनका यह कथन इस सोच को सार्थक रूप देता है कि जल का सवाल केवल संसाधनों का नहीं, बल्कि मानवता के अस्तित्व का है। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आधुनिक राजाभोज कहना न्याय संगत है। राजा भोज ने जल संरक्षण के लिए ऐसी संरचनाएं बनाईं, जो सदियों बाद भी जल प्रबंधन की उत्कृष्ट मिसाल बनी हुई हैं। भोपाल का ऐतिहासिक बड़ा तालाब राजा भोज की जल संरक्षण क्षमता का अद्भुत उदाहरण है,जो सदियों बीत जाने के बाद भी लाखों लोगों की प्यास बुझा रहा है। दो नदियों के संगम से बनाए गए इस तालाब ने यह सिद्ध कर दिया हैकि जल संरक्षण केवल उस समय की आवश्यकता ही नहीं, बल्कि उसे पीढ़ियों के लिए उपहार के रूप में संरक्षित किया जाता है। प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का दृष्टिकोण भी ऐसा ही है। मोदी जी भी जल संरचनाओं के जनक राजाभोज की परंपरा को आधुनिकता के साथ मानवता के अस्तित्व के लिए आगे बढ़ा रहे हैं।
माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का मानना है कि जल का संरक्षण केवल वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकता नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा है-“जल संचय केवल एक प्रयास नहीं, यह एक पुण्य है। इसमें उदारता और उत्तरदायित्व दोनों निहित हैं। आने वाली पीढ़ियां जब हमारा आकलन करेंगी, तो यह केवल हमारी आर्थिक उपलब्धियों या भौतिक विकास पर आधारित नहीं होगा। उनका पहला प्रश्न यही होगा कि हमने जल के प्रति क्या दृष्टिकोण अपनाया। जल का संरक्षण, प्रबंधन और इसके प्रति हमारी प्रतिबद्धता ही भविष्य में हमारी पहचान बनेगी।” यह विचार न केवल जल संरक्षण के महत्व को दर्शाता है इसीलिये उनकी जलनीतियां दीर्घकालिक हैं, जो न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करती हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी टिकाऊ मार्ग प्रस्तुत करती हैं। माननीय श्री मोदी जी के नेतृत्व में शुरू हुए “जल शक्ति अभियान” और “हर घर जल” और कैच द रैन जैसे अभियानों ने करोड़ों भारतीयों के जीवन को परिवर्तित कर दिया है। उनकी योजनाएं यह सिद्ध करती हैं कि जल प्रबंधन में उनका दृष्टिकोण कितना प्रभावशाली और स्थायी है। मध्यप्रदेश के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विशेष लगाव समय-समय पर उनकी योजनाओं और निर्णयों से स्पष्ट होता है। उन्होंने हमेशा मध्यप्रदेश को अपनी प्राथमिकताओं में रखा है। उनके प्रयासों से राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अब केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना मध्यप्रदेश के विकास में नई ईबारत लिखने जा रही है। केन-बेतवा लिंक परियोजना, जिस भूमि पर बन रही है, वह शौर्य, सम्मान और जनकल्याण के प्रतीक बुंदेलखंड की भूमि है, बुंदेलखंड की पवित्र भूमि ने ऐसे महापुरुषों को जन्म दिया है, जिन्होंने लोकहित को सर्वोपरि रखा। राजा छत्रसाल ने अपनी नीतियों और नेतृत्व से बुंदेलखंड के लोगों के कल्याण के लिए जो काम किए, उनकी गूंज आज भी सुनाई देती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का नेतृत्व भी राजा छत्रसाल के दृष्टिकोण का आधुनिक संस्करण है। उनकी योजनाएं और प्रयास बुंदेलखंड को जल संकट से उबारने और यहां की सूखी धरती को फिर से हराभरा बनाने के लिए समर्पित हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प का फल है कि 44,605 हजार करोड़ रूपये की केन-बेतवा लिंक जैसी बहुप्रतीक्षित परियोजना आज जमीन पर उतर रही है और इसने खजुराहो लोकसभा ही नहीं बल्कि सारे बुंदेलखंड की विभीषिका को समाप्त करने के मार्ग प्रशस्त कर दिये हैं। मध्यप्रदेश की 44 लाख एवं उत्तर प्रदेश की 21 लाख जनता को इससे पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी एवं दोनों राज्यों की 65 लाख जनता को सीधे तौर पर इसका फायदा होगा । केन-बेतवा लिंक परियोजना का लाभ मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर और दतिया के साथ-साथ शिवपुरी, विदिशा और रायसेन सहित उत्त्तवर प्रदेश के महोबा, झांसी, बांदा और ललिेतपुर को भी मिलेगा। इस कार्य के पूरा हो जाने से जहां 8 लाख 11 हज़ार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी वहीं 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। बुंदेलखंड में आने वाले उत्तर प्रदेश के 2 लाख 52 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और पेय जल की सुविधा भी इससे मिल सकेगी। यही नहीं 103 मेगा वाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी पैदा की जा सकेगी। परियोजना में ऐतिहासिक चंदेल कालीन तालाबों को सहेजने का कार्य भी होगा। इन तालाबों से भूजलस्तर बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्र को फायदा तो होगा। कुल मिलाकर यह परियोजना भारत के जल संकट में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक दृष्टा हैं। वे राजा भागीरथ, राजाभोज और छत्रसाल जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी जल नीति केवल भारत की जल समस्याओं का समाधान ही नहीं पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बनते हुए उन्हें जलपुरुष के रूप में स्थापित करती है। उनका प्रयास हमें यह विश्वास दिलाता है कि भारत न केवल अपने जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन करेगा, बल्कि जल समृद्धि के क्षेत्र में विश्व का पथप्रदर्शक भी बनेगा। मध्यप्रदेश की पवित्र भूमि से जल संरक्षण और जल समृद्धि का यह संदेश जब पूरे देश में गूंजेगा, तो यह केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि जल और जीवन की नई गाथा का आरंभ होगा। 25 दिसंबर के दिन इस योजना का भूमिपूजन न केवल श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रति सच्चीे श्रद्धांजलि है, बल्कि जल संकट से जूझते देश के लिए एक नई उम्मीद भी है। बुंदेलखंड के निवासियों से देश के मुखिया का यह आह्वान है कि वे इस परियोजना को एक महायज्ञ के रूप में देखें और इसके लाभों को आत्मसात करें। यह परियोजना केवल जल संकट का समाधान नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास, समृद्धि और खुशहाली का द्वार खोलने वाली है। यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वे जल संरक्षण के महत्व को समझें और इस परियोजना के उद्देश्यों को साकार करने में अपना योगदान दें।प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वास्तव में एक नई जल क्रांति की ओर बढ़ रहा है। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी मेरे संसदीय क्षेत्र में इस परियोजना का भूमिपूजन करने आ रहे हैं, पूरे संसदीय क्षेत्र और मप्र की जनता की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से स्वागत है, वंदन है, अभिनंदन है और आभार है इस महापरियोजना से बुंदेलखंड की भूमि को वरदान देने के लिए, आनंदित करने के लिए…।
मंडला। कलेक्टर सोमेश मिश्रा माहिष्मती घाट में पंचचौकी महा आरती में शामिल हुए। पंचचौकी महा आरती का आयोजन अमृता चौक, रेवा चौक, नर्मदा चौक, शांकरी चौक और मेकलसुता चौक में संपन्न हुआ। माँ नर्मदा नदी के घाट में आयोजित पंचचौकी महा आरती के पश्चात नर्मदा नदी में दीपदान किया गया। महा आरती के बाद प्रसादी का वितरण किया गया। डिप्टी कलेक्टर क्षमा सराफ सहित अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, पत्रकार और श्रद्धालु उपस्थित थे।
मंडला। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में एक वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के तहत जिला योजना भवन के समीप लगाई गई विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ एडीजीपी नक्सल पंकज श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान उन्होंने एक वर्ष की उपलब्धि को परिलक्षित करती प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर आईजी बालाघाट संजय सिंह, नगरपालिका अध्यक्ष विनोद कछवाहा, कलेक्टर सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा, पुलिस अधीक्षक डिंडौरी वाहिनी सिंह, सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर अरविंद सिंह, नगरपालिका सीएमओ गजानंद नाफड़े सहित संबंधित उपस्थित थे।
मंडला। मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के अंतर्गत रेडक्रॉस मंडला में विजय दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। अवसर पर जिला पुलिस बल मंडला के बैंड दल द्वारा देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष विनोद कछवाहा, कलेक्टर सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह एवं अरविंद सिंह, एडिशनल एसपी अमित वर्मा, प्रफुल्ल मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मंडला। कलेक्टर सोमेश मिश्रा की अध्यक्षता में जिला योजना भवन में जिला स्तरीय नशामुक्त समिति की बैठक संपन्न हुई, जिसमें नशामुक्त जिला बनाने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। कलेक्टर ने कहा कि नशे से बचाव के लिए प्रभावी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जहां से नशा उपलब्ध हो रहा है उन्हीं स्थानों चिन्हित कर उन पर पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा कड़ी कार्यवाही करें। इस दौरान कलेक्टर ने शपथ भी दिलाई। बैठक में जिला योजना भवन में संपन्न हुई इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, डिप्टी कलेक्टर क्षमा सराफ, आशुतोष ठाकुर, उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग रोहित बड़कुल सहित समस्त एसडीएम तथा जिला अधिकारी उपस्थित थे।
समय-सीमा एवं विभागीय समन्वय समिति की बैठक में कलेक्टर के निर्देश
मंडला। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने समय-सीमा एवं विभागीय समन्वय समिति की बैठक में सीएम हेल्पलाईन, समाधान कार्यक्रम एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री जनकल्याण की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देशित किया कि विभागीय अधिकारी लक्ष्य की पूर्ति तक सीमित न रहते हुए प्रत्येक हितग्राहियों को पात्रतानुसार लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। कोई भी पात्र हितग्राही शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। कलेक्टर श्री मिश्रा ने सभी एसडीएम को मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। जिला योजना भवन में संपन्न हुई इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह एवं अरविंद सिंह, डिप्टी कलेक्टर क्षमा सराफ, आशुतोष ठाकुर सहित समस्त एसडीएम तथा जिला अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने कहा कि सीएम हेल्पलाईन एवं समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम के प्रकरणों को प्राथमिकता में रखते हुए संतुष्टिपूर्ण निराकरण सुनिश्चित करें। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि 50 दिवस से अधिक समय से लंबित शिकायतों को गंभीरतापूर्वक निराकृत करें। उपार्जन की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि उपार्जित धान का परिवहन, उपार्जन केन्द्रों में किसानों के लिए पानी, छाया, उपार्जित धान की सुरक्षा व्यवस्था और शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उच्च न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक प्रकरणों पर निर्धारित समयावधि में जवाब प्रस्तुत करें। उन्होंने 17 दिसंबर को आयोजित ब्लड डोनेशन कैम्प के संबंध में चर्चा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने केन्द्रीय विद्यालय नैनपुर की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने उर्वरक भंडारण, मानव अधिकार आयोग के लम्बित प्रकरण, पीएम आवास की प्रगति, भूमि आवंटन के लंबित प्रकरणों, आयुष्मान कार्ड की प्रगति की समीक्षा, अंतर्विभागीय बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए।
पंचायत द्वारा दुकानदारों को व्यवस्थित दुकानें संचालित करने की अनुमति मिलेगी
मंडला।कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बुधवार को ग्राम पंचायत रामनगर जिला मंडला में निर्माण किए जा रहे बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण समय सीमा में करने के निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों को उक्त निर्माण कार्यों का नियमित रूप से निरीक्षण करने को कहा। आवागमन मार्ग में भराव करने के निर्देश दिए, जिससे बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केन्द्र आने में कठिनाई न हो। बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केन्द्र में टाईल्स, बिजली फिटिंग और पुट्टी पुताई का कार्य गुणवत्तापूर्ण करने को कहा। बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केन्द्र के चारों ओर बाउंड्रीवॉल और बैठक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने इस अवसर पर रामनगर बस स्टेंड का निरीक्षण किया। उन्होंने बस स्टेंड में अव्यवस्थित व अतिक्रमण कर संचालित करने वाले दुकानों को ग्राम पंचायत के माध्यम से व्यवस्थित ढंग से स्थापित करने के निर्देश दिए। जिससे आवागमन में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने इस अवसर पर बस स्टेंड रामनगर की दुकानों का भी निरीक्षण किया। बस स्टेंड के समीप बहने वाली नालियों की मरम्मत करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस अवसर पर कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का भी निरीक्षण किया। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रेयांश कूमट, एसडीएम सोनाली देव, तहसीलदार मंडला अजय श्रीवास्तव सहित कृषि एवं मत्स्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
पर्यटक होम स्टे कर ग्रामीण संस्कृति और परिवेश से अवगत होंगे
मंडला।कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बुधवार को ग्राम चौगान जिला मंडला में निर्माण किए जा रहे होम स्टे का अवलोकन किया। उन्होंने होम स्टे का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक ग्रामीण परिवेश में करने के निर्देश दिए। जिससे होम स्टे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन सके। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने पर्यटकों को मुख्य मार्ग से होम स्टे तक जाने के लिए मार्ग निर्माण करने के निर्देश दिए। मार्ग का निर्माण भी ग्रामीण परिवेश में किया जाए। पर्यटकों के लिए होम स्टे में आराम, भोजन, पानी, शौचालय और ग्रामीण पेंटिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। उल्लेखनीय है कि पर्यटन के क्षेत्र में इन दिनों होम स्टे की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। अब पर्यटक बड़े-बड़े होटलों को छोड़कर होम स्टे में रहना पसंद कर रहे हैं। जिससे पर्यटक को ग्रामीण संस्कृति और ग्रामीण जीवन को समझने में सरलता होगी। मंडला जिले में विदेशी और भारत देश के पर्यटक लगातार आते रहते हैं, जिसमें मंडला जिले में कान्हा किसली, रामनगर के किले, सहस्त्रधारा, नर्मदा नदी, माहिष्मती घाट, गरम पानी कुंड बबैहा, जिलहरी घाट, काला पहाड़, मनेरी औद्योगिक क्षेत्र, चौगान की मढ़िया, देवगांव संगम सहित विभिन्न क्षेत्र प्रमुख हैं। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने निर्देशित किया है कि मंडला जिले में आने वाले पर्यटकांे के लिए होम स्टे जैसी सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। होम स्टे में जैसी व्यवस्था होगी, वह घर जैसी होगी। पर्यटक को ऐसा महसूस नहीं होगा कि वह किसी होटल में रूका है। होम स्टे में पर्यटक चाहे तो मकान मालिक के साथ भोजन कर सकता है और ग्रामीण संस्कृति के बारे में जानकारी भी ले सकता है। पर्यटक को होम स्टे मालिक को व्यय राशि का भुगतान भी करना होगा।
मंडला।कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बुधवार को ग्राम पंचायत जंतीपुर विकासखंड मंडला में किसान धनंजय पटेल के मछली उत्पादन हेतु निर्मित बायोफ्लाक इकाई का निरीक्षण किया। किसान धनंजय पटेल को मत्स्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से लाभान्वित किया गया है। वह इस योजना के माध्यम से मछली बीज का उत्पादन और मछली पालन कर रहा है। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने किसान धनंजय पटेल के खेत में जाकर मछली बीज उत्पादन और मछली पालन का अवलोकन किया। उन्होंने इस अवसर पर बायोफ्लाक पोण्ड लाईनर और बागवानी के संबंध में जानकारी प्राप्त की। किसान धनंजय पटेल के लिए मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु स्थानीय स्तर पर मार्केटिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मत्स्य पालन विभाग को मार्केटिंग के संबंध में कार्यवाही करना होगा। जिससे किसान धनंजय पटेल एक समृद्ध किसान बन सके। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रेयांश कूमट, तहसीलदार मंडला अजय श्रीवास्तव सहित कृषि एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।