भारतीय परंपराएं रीति रिवाज हमारी बोली हमारा पहनावा हमारा खानपान सामाजिक रूप से जितनी भी परंपराएं हैं यह सभी हमारे पूर्वजों के द्वारा प्राप्त हुई विरासत है इन्हें हमें संजो के रखना चाहिए उक्त विचार एके शुक्ला इंटेक के वरिष्ठ सदस्य के द्वारा अपने उद्बोधन में इंटेक के स्थापना के 40वें वर्षगांठ के अवसर पर शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बीजा दाढ़ी में छात्रों के मध्य अपने विचार रखें
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों से हमारे बुजुर्गों की दी गई परंपराओं को जीवित रखने के लिए छात्रों को आगाह करते हुए कहा कि पश्चिम सभ्यताएं एवं बढ़ता हुआ मोबाइल टेलीविजन के द्वाराजो हमारी रीति-रिवाज एवं आदर्शों को खत्म करते चली जा रही है उससे हमें बचना चाहिए उन्होंने बुजुर्गों के पहनावा तथा उनके प्रति भाव आदर के संबोधन जैसे अनेक विचारों को हमें अमल करना चाहिए बुजुर्ग भले ही उम्र दराज के हो गए हैं लेकिन उनके जीवन का अनुभवों से भरा हुआ है जिसे विद्यार्थियों को उनके अनुभवों का पालन करना अति आवश्यक है वही उनके प्रगति का मार्ग बढ़ाएगी।
इस अवसर पर अरुण अग्रवाल संयोजक इंटेक् के द्वारा इंटेक् की कार्य विधियो की जानकारी विद्यार्थियों को दी तथा उन्होंने कहा कि हमारे आसपास की सभी मंदिर एवं आश्रमों व अन्य स्थल 100 वर्ष पुराने जो हमारे पूर्वजों के द्वारा बनाए गए हैं वे सभी हमारे भारतीय सांस्कृतिक निधि के अंतर्गत आते हैं जिनका संरक्षण करना हम सभी का उत्तरदायित्व हे कार्यक्रम में विजय अग्रवाल सहसंयोजक के द्वारा विद्यार्थियों को अवगत कराया की यदि आपके आसपास पुरानी अमानत है तो उसे अनिवार्य रूप से शासकीय संग्रहालय में भेजी जावे ताकि उनका संरक्षण हो सके वह आने वाली भावी पीढ़ी उसे देख सके इस अवसर पर इंटेक के वरिष्ठ सदस्य पर्यावरण विद आरके क्षत्रिय ने विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए कहा कि वे अपने गांव में अपने घरों में जल संग्रहण करें तथा तलाव पोखर नदियों को पॉलिथीन से बचाने का प्रयास करें एवं उसे स्वच्छ रखें और इन स्थलों के विकास में अहम योगदान देवे ताकि हमारे जिले में आने वाले राष्ट्रीय उद्यान कान्हा के पर्यटकों को इन स्थलों को भ्रमण करा कर स्थानीय लोगों को रोजगार की व्यवस्था बनाई जा सके ताकि हर तरह से जिले की बेरोजगारी को खत्म किया जा सके कार्यक्रम में का संचालन संजय सिंगोर उपसह संयोजकके द्वारा करते हुये इटेक की संपूर्ण गतिविधियों की जानकारी देते हुए छात्रों को अवगत कराया कि वे जिले स्तर पर होने वाले अनेक कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता प्रदान करें उन्होंने विद्यालय की स्वच्छता एवं पर्यावरण की दृष्टि से सुंदर विद्यालय की सराहना करते हुए विद्यालय की प्राचार्य एवं समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में एस आर परते के खेल अधिकारी का विशेष सहयोग प्रदान करने पर उन्हें बधाई दी।
हमारी परंपराएं ही हमारी भारतीय विरासत है इन्हें संजो के रखें – मण्डला
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