
मंडला। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० के.सी. सरोते ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत माह अप्रैल से जुलाई तक 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों की स्क्रीनिंग विकासखण्ड स्तर पर पदस्थ आरबीएसके चिकित्सक एवं टीम के द्वारा किया गया। जिसके तहत स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। बच्चों की जन्मजात विकृति का चिन्हाकन कर बच्चों का आपरेशन एवं मेडिकल उपचार के माध्यम से उपचार कर ठीक किया गया। उन्होंने बताया कि कुल 192 बच्चों की सर्जरी कराई गई हैं। जिसमें मुख्यतः हृदय रोग (दिल मे छेद) 08, कटे-फटे ओंठ एवं तालू 07, तिरछे पैर 18, जन्मजात मोतियाबिंद 2, जन्मजात बहरापन 01 न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट 2, दंत क्षय 123, अन्य 31 बच्चों को उपचार कराकर लाभान्वित किया गया है। हृदय रोग से उपचारित एवं लाभांवित हितग्राहियों का विवरण अयान उईके पिता सुकमन उईके उम्र-2 माह ग्राम बढार जिला मण्डला, अयान का जन्म जिला चिकित्सालय मण्डला में हुआ। जन्म के समय जन्मजात विकृति की जॉच के दौरान नवजात हृदय रोग से ग्रसित पाया गया। बच्चे में विकृति की जानकारी के बाद जिला चिकित्सालय में आर.बी.एस.के. के अंतर्गत स्थापित जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र भेजा गया। इसके बाद आवश्यक कार्यवाही करते हुये जिला स्तरीय समिति से स्वीकृति उपरांत चिकित्सालय नारायणा हेल्थ मुबंई उपचार हेतु रेफर किया गया। चिकित्सालय में समस्त जांच उपरांत सफल सर्जरी की गई। हृदय रोग के अंतर्गत अन्य सात हितग्राही अनाहिता जैन पिता आशीष उम्र 4 वर्ष सुभाष वार्ड मण्डला, यौनतम बैरागी पिता कमलेश उम्र 4 वर्ष राजीव कालोनी मण्डला, लक्की केवट पिता लेखराम उम्र 4 वर्ष ग्राम भरवेली नैनपुर, अराध्या यादव पिता सुनील उम्र 5 वर्ष ज्वालाजी वार्ड मण्डला, जंयत चक्रवर्ती पिता कृष्णा उम्र 6 माह ग्राम बम्हनी निवास, दिती परते पिता हेमंत उम्र 2 वर्ष ग्राम ग्वारी मण्डला, शानवी मार्काे पिता रामगोपाल उम्र 1 वर्ष ग्राम अहमदपुर, को भी सफलता पूर्वक सर्जरी कर उपचार कराया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दक्ष यादव निवासी ग्राम ग्वारा जिला मण्डला, को आंगनवाड़ी केन्द्र ग्वारा में स्क्रीनिंग के दौरान सुनने की समस्या को लेकर जिला चिकित्सालय में आरबीएसके के अंतर्गत हस्तक्षेप केन्द्र भेजा गया। जिला स्तरीय समिति से स्वीकृति उपरांत जामदार चिकित्सालय जबलपुर उपचार हेतु रेफर किया गया। दक्ष यादव की जांच उपरांत सफल कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी की गई। सर्जरी उपरांत बच्चे को स्पीच थैरेपी संबंधित चिकित्सालय में लगातार दी जा रही हैं। दक्ष अब स्वस्थ्य है। उसके माता-पिता शासन की योजना से दक्ष के स्वस्थ होने पर बहुत प्रसन्न हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि श्री भौमेन्द्र सल्लाम पिता स्वरूप सल्लाम निवासी ग्राम अड़िया जिला मण्डला उम्र 5 वर्ष को आंगनवाड़ी केन्द्र अड़िया में आरबीएसके टीम स्क्रीनिंग में पाया कि उसकी दोनों आँखों से देखने की समस्या है। स्क्रीनिंग में उसकी आंखों में मोतियाबिंद पाया गया। जिसके बाद स्क्रीनिंग टीम के द्वारा जिला चिकित्सालय में जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र भेजा गया। इसके बाद आवश्यक कार्यवाही करते हुये जिला स्तरीय समिति से स्वीकृति उपरांत चिकित्सालय साराक्षी नेत्रालय नागपुर में उपचार हेतु रेफर किया गया। चिकित्सालय में समस्त जांच उपरांत सफल मोतियाबिंद सर्जरी की गई। सर्जरी उपरांत बच्चे का पूर्ण फॉलोअप किया जा चुका है। अब भौलेन्द्र सल्लाम को देखने की समस्या से निजात मिल गई है। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि वरूण भवेदी पिता पीतम भवेदी उम्र 2 वर्ष निवासी ग्राम बड़झर मोहगांव जिला मण्डला का जन्मजात विकृति की स्क्रीनिंग की गई है। उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग उपरांत क्लबफुट-तिरछे पैर से ग्रसित बच्चों के चिन्हांकन आरबीएसके टीम के द्वारा जिला चिकित्सालय में संचालित क्लबफुट क्लीनिक में रेफर किया गया। उन्होंने बताया कि वरूण को आरबीएसके टीम के द्वारा फॉलोअप करते हुये जिला चिकित्सालय में शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र में लाया गया और क्लबफुट क्लीनिक में लगातार कॉस्टिंग कर उपचार और ऑपरेशन किया गया। इसके बाद उसका लगातार तीन माह तक निगरानी में उपचार किया गया। वरूण भवेदी अब ठीक हो चुका है और चल-फिर रहा है। वरूण के माता-पिता उसे चलता देखकर बहुत प्रसन्न हो रहे हैं।
