
समय-सीमा एवं विभागीय समन्वय समिति की बैठक में कलेक्टर के निर्देश
मंडला। समय-सीमा एवं विभागीय समन्वय समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने निर्देशित किया कि टीएल, जनसुनवाई तथा सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों को पूरी गंभीरता से लेते हुए सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ इनका निराकरण सुनिश्चित करें। जिला अधिकारी प्रत्येक प्रकरण का स्वयं परीक्षण करते हुए उन्हें सकारात्मक निराकृत करें। जिला योजना भवन में सम्पन्न हुई इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त कलेक्टर अरविंद सिंह, सहायक कलेक्टर आकिप खान सहित संबंधित उपस्थित रहे।

टीएल प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देशित किया कि 3 माह से अधिक समय से लम्बित सभी प्रकरणों का आगामी एक सप्ताह में अनिवार्य रूप से निराकरण करें। इसी प्रकार सीएम हेल्पलाईन तथा जनसुनवाई के प्रकरणों पर भी समय पर कार्यवाही करें। अनुपयोगी बोरवेल, नलकूप, कुआँ आदि को ढंकते हुए उसके आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी, कर्मचारियों को माह की पहली तारीख को वेतन देना सुनिश्चित करें, यदि आवंटन की आवश्यकता है तो राज्य स्तर से फॉलोअप करें। बैठक में कलेक्टर ने अनुकंपा नियुक्ति, राजस्व महाभियान, भूमि आवंटन, जनमन योजना आदि के संबंध में भी विस्तार से चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की रेंडम जाँच कराएं
कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने निर्देशित किया कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती में सख्ती से नियमों का पालन करें। गतवर्ष संतोषजनक परिणाम नहीं देने वाले अतिथि शिक्षकांे का इस बार चयन न करें। चयन की संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता रखें। चयनित अतिथि शिक्षकों को 8 अगस्त 2024 तक अनिवार्य रूप से ज्वाईन कराएं। कलेक्टर ने जिला स्तर से टीम गठित कर अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की रेंडम आधार पर जांच कराने के निर्देश दिए।
क्षतिग्रस्त भवनों में न लगाएं स्कूल, आंगनवाड़ी
कलेक्टर ने निर्देशित किया कि क्षतिग्रस्त भवनों में स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्र, कार्यालय आदि का संचालन न करें। उन्होंने कहा कि सहायक आयुक्त जनजाति कार्यविभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, एसडीएम तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जर्जर भवनों का चिन्हांकन करते हुए आवश्यक कार्यवाही करें। इसी प्रकार आवासीय क्षेत्रों के जर्जर मकानों को गिराने के संबंध में भी नियमानुसार कार्यवाही करें। क्षतिग्रस्त एवं जर्जर मकानों के पास सूचना लगाएं तथा लोगों को उनके नजदीक जाने से रोकें।
