निचले हिस्से पर निवासरत ग्रामवासियों से अपनी अस्थाई एवं चल सम्पत्ति को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की अपील

मंडला। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन मंडला ने बताया कि जिले के नैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम बीजेगांव में थांवर वृहद सिंचाई परियोजना निर्मित है। इस परियोजना के अंतर्गत 990 मी. लम्बाई का मुख्य बांध एवं 735 मी. का उपबांध एवं 405 मी. का बांया उपबांध है। बांध की अधिकतम ऊंचाई 27.10 मी. है। बांध पर 9 रेडियल गेट (9.50×10.67 मी. आकार के) है। जिसका अधिकतम डिजाइन फ्लड डिस्चार्ज 3393.30 क्यूमेक है। थॉवर बांध का कैचमेंट एरिया 417 वर्ग कि.मी., बांध की जीवित क्षमता 123.53 मि.घ.मी. है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन ने आम जनता को सूचित करते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 में थांवर बांध का जल स्तर 481.10 मी. तक 100 प्रतिशत भरा जाना है, जलाशय का जल भराव 10 अगस्त तक 83 प्रतिशत, 30 अगस्त तक 91 प्रतिशत, 15 सितम्बर तक 97 प्रतिशत तथा 30 सितम्बर तक 100 प्रतिशत रखना निर्धारित किया गया है। 31 जुलाई 2024 को जलाशय का जलस्तर 479.70 मी. 78.90 प्रतिशत है। यदि जलाशय में पानी का आवक अधिक होने के कारण जल भराव दर्शित अवधि के पूर्व अधिक होता है तो वर्षाकाल में अतिरिक्त पानी को निकालने के लिए जलद्वार किसी भी समय खोले जा सकते है। ऐसी स्थिति में नदी का जल स्तर भी अचानक बढ़ सकता है। थांवर जलाशय के ऊपरी हिस्से पर निवासरत ग्रामवासी मण्डला जिले के 15 ग्राम-बीजेगांव, चरी, टिकरिया, केवलारी, सुक्कम, चरगांव, बरबसपुर, कुरला छींदा, झुलपुर, खमरिया, कछारी, देवरी, पड़रिया, डोभी, कन्हरगांव जलभराव से प्रभावित होते हैं एवं निचले हिस्से पर निवासरत ग्रामवासी मण्डला जिले के 6 ग्राम-पोटिया, बिनौरी, खिरसारू, भरवेली, धर्राची, पिण्डरई, नगर पालिका नैनपुर तथा सिवनी जिले के 5 ग्राम-किमाची, ग्वारी, छींदा सर्रई, तिंदुआ में थांवर नदी के समीप के क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होते हैं। उन्होंने बताया कि समस्त ग्रामवासियों को सूचित किया जा रहा है कि वे अपनी अस्थाई एवं चल सम्पत्ति को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें, ताकि किसी प्रकार की जन-धन की हानि से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि नदी में बाढ़ आने की स्थिति में नदी पार न करें।
