15.1 C
Mandlā
Thursday, February 6, 2025
The viral
Homeमध्यप्रदेशकृषि अधिकारियों ने किया प्राकृतिक खेती अपना रहे किसान के खेत का...

कृषि अधिकारियों ने किया प्राकृतिक खेती अपना रहे किसान के खेत का अवलोकन

ढाई गुना से अधिक बढ़ गया मिटटी में आर्गेनिक कार्बन

जबलपुर। प्राकृतिक अथवा जैविक खेती को अपनाने किसानों में रुचि बढ़ती जा रही है । इसी की मिशाल पाटन विकास खंड के ग्राम जरोंद के प्रगतिशील कृषक रामदीन पटेल के खेत में देखने को मिलती है, जहाँ जैविक पद्धति से रबी में एक एकड़ में गेहूँ लगाया था और अब चार एकड़ में धान की बुआई की जा रही है। परियोजना संचालक आत्मा डॉ एस के निगम एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी ने गत दिवस रामदीन के खेत जाकर जैविक पद्धति से ली जा रही फसल का अवलोकन किया तथा जैविक खेती में इस्तेमाल के लिये रामदीन द्वारा तैयार किये जा रहे जीवामृत, खट्टा जैव रसायन, कड़वा जैव रसायन, मीठा जैव रसायन के साथ षडरस जैसे जैव उर्वरक और कीटनाशकों को भी देखा। कृषक रामदीन पटेल ने कृषि अधिकारियों को बताया कि उसने रबी सीजन में जैविक पद्धति से एक एकड़ में खापली प्रजाति का गेहूँ लगाया था और उसकी उपज 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बेची है, जबकि सामान्य गेहूं लगभग 2 हजार 500 रुपये प्रति कुण्टल की दर पर बिकता है । रामदीन ने बताया कि खापली प्रजाति गेहूँ खाने में स्वादिष्ट है, साथ ही इसमें प्रोटीन और अन्य तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है और इसकी रोटियां ठंडी होने पर भी मुलायम बनी रहती है। कृषि अधिकारियों ने कृषक रामदीन पटेल के खेत की मिटटी परीक्षण रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि  इसमें 1.78 प्रतिशत ऑर्गेनिक कार्बन है, जो जबलपुर में सामान्य से लगभग ढाई से तीन गुना ज्यादा है । ऑर्गेनिक कार्बन से मिट्टी भुरभुरी हो जाती है और पानी को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ जाती है। रोग कीट व्याधि का प्रकोप बहुत कम रहता है। कृषि अधिकारियों के अनुसार इतना ऑर्गेनिक कार्बन प्रतिशत प्राकृतिक खेती का ही नतीजा है।इस अवसर पर परियोजना संचालक डॉ एस के निगम ने किसान रामदीन पटेल की सराहना करते हुए जिले के और भी किसानों को इसी तरह प्राकृतिक खेती अपनाने अपील की I उन्होंने कहा कि रामदीन के खेत का अन्य किसानों को भी भ्रमण करवायेंगे, ताकि और भी किसान प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिये प्रेरित हों I अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ इंदिरा त्रिपाठी ने बताया कि प्राकृतिक खेती से खेत की मिट्टी स्वस्थ एवं जीवांश से युक्त हो जाती है और जैविक कार्बन को बढ़ाकर  अच्छी व स्वस्थ फसलों को पैदा करने में सक्षम बन जाती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
The Viral Patrika

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!