अजय कुमार, लखनऊ
लखनऊ. देश के अलग अलग हिस्सों में छोटे व्यापारियों खासकर खाने पीने का सामान बेचने वाले दुकानदारों के बीच एक अलग ही ट्रेंड चल रहा है कई दुकान अपना धर्म छुपा कर और दूसरे धर्म के देवी देवताओं और नाम की आड़ लेकर धंधा करने लगे हैं. कोई अपनी दुकान का नाम हिंदू देवी देवताओं के नाम पर रख लेता है तो कोई तिलक लगाकर और भगवा गमछा पहनकर यात्रियों को गुमराह करता है. हिंदू देवी देवताओं के नाम पर दुकान का नाम रखकर यहाँ नॉन वेज परोसा जाता है. इसको लेकर लंबे समय से विवाद भी चल रहा है. खासकर ऐसे दुकानदारों से उन लोगों को तब ज्यादा समस्या होती है जब वह अपने धार्मिक आयोजनों जैसे कावड़ यात्रा पर निकलते हैं. जिस दौरान भक्त अपने खान पान का विशेष ध्यान रखते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें खाना खाने के बाद पता चलता है कि जिन देवी देवताओं के नाम पर दुकान चल रही थी,वह दूसरे धर्म या संप्रदाय का था. सावन का महीना शुरू होने वाला है. इसी दौरान शिव भक्त कावड़ लेकर प्रदेश की प्रसिद्ध नदियों का गंगाजल लेकर अपने क्षेत्रीय शिवालयों में चढ़ाने के लिए निकल पड़े हैं. कावड़ यात्रा के दौरान ऐसे दुकानदारों के खिलाफ योगी सरकार ने फरमान जारी कर कहां है. कोई भी दुकानदार अपना धर्म और नाम छुपा कर व्यापार नहीं करेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिला प्रशासन से इस बात का ध्यान रखने की बात कहते हुए कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों के मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड जरूर लगाएं। प्रशासन के इस निर्देश पर सियासी बवाल शुरू हो गया है।
खैर, योगी सरकार के आदेशानुसार सभी दुकानदारों को अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड लगाने को कहा गया है। उधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे मुजफ्फरनगर,मेरठ, बिजनौर आदि में कांवड़ यात्रा के रास्ते पर पड़ने वाले बहुत से मुस्लिम दुकानदारों ने बोर्ड लगाने शुरू कर दिए हैं। योगी सरकार इस फैसले पर कांग्रेस एवं सपा, बसपा की तो कोई प्रतिक्रिया नहीं है. लेकिन यूपी की सरहद से दूर बैठे असदुद्दीन ओवैसी से लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा तक ने योगी सरकार को घेरा है। वहीं, मुजफ्फरनगर के एसएसपी का कहना है कि यात्रा के दौरान किसी विवाद से बचने के लिए दुकानदारों से अपना नाम डिस्प्ले बोर्ड पर लिखे जाने से संबंधित फैसला लिया गया है।
यूपी के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के रास्ते में तमाम मुस्लिमों की दुकानें भी पड़ती हैं, जो फल, चाय एवं अन्य खाद्य सामग्री बेचते हैं। पुलिस यात्रा के बंदोबस्त में लगी है, और उन्हीं में से एक इंतजाम ये भी है कि सभी मुस्लिम दुकानदारों को अपनी पहचान बताते हुए कारोबार करना होगा। बता दें कि हिंदू संगठन बार बार ये आरोप लगा रहे थे कि मुस्लिम दुकानदार अपनी पहचान छिपाकर कारोबार कर रहे हैं। उनके मुताबिक कांवड़ियों के लिए ये ज़रूरी है कि वे जहां से सामान खरीदें उसका धर्म भी जान लें। कैमरे के सामने तकरीबन सभी दुकानदारों ने प्रशासन के फैसले को सही बताया। उनका कहना है कि रोजी-रोटी देने वाला अल्लाह है, इसलिए इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ता। बहरहाल, यह बात अल्लाह को मानने वाले समझ रहे है तो इसमें किसी को ऐतराज नहीं होगा.