लोकसभा चुनाव में अयोध्या (फैजाबाद) के भाजपा प्रत्याशी की पराजय विशेष उभरकर सामने आई है। विभिन्न प्रकार के वाद-प्रतिवादों के माध्यम से भाजपा सरकार द्वारा अयोध्या के लिए किए गए कामों और उनके चुनावी लाभ का भी आकलन किया जा रहा है। यद्यपि इस बार चुनाव परिणामों की हानि व्यापक है, पर अयोध्या का सामान्यीकरण नहीं कर सकते। इसीलिए यहां भाजपा प्रत्याशी की हार को कई रूपों में देखा जा रहा है। उधर,विपक्ष और सोशल मीडिया भी प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को मिली हार का जख्म सूखने नहीं दे रही है।
बीजेपी की हार को बड़ा दिखाने के लिये बीजेपी विरोधी ऐसे-ऐसे मुद्दे छांट कर ला रहे हैं जिनका चुनाव से पहले कोई वजूद ही नहीं था। चार जून को नतीजे आने के बाद कुछ वीडियो और तस्वीरों को वायरल कर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि यहां के विकास के लिए तमाम लोगों को प्रशासन ने जबरन बेघर कर दिया। ऐसे लोगों को न तो मुआवजा दिया गया और न ही उनके पुनर्वास का प्रबंध हुआ। इसी के चलते भाजपा को यहां लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। जिला प्रशासन ने इसे खारिज करते हुए तथ्यों के साथ पुनर्वास और मुआवजा दिए जाने का ब्योरा प्रस्तुत किया है। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि विभिन्न प्रमुख मार्गों का उनके किनारे के दुकानदारों, भवन व भू-स्वामियों से समन्वय बनाकर पुर्नस्थापित कर अनुग्रह धनराशि व मुआवजा देकर चैड़ीकरण किया गया है। रामपथ, भक्तिपथ, रामजन्मभूमि पथ और पंचकोसी व चैदहकोसी परिक्रमा मार्ग के चैड़ीकरण से 4616 दुकानदार प्रभावित हुए। इसमें से 4215 व्यापारी जिनकी दुकानें आंशिक रूप से प्रभावित हुईं, उन सभी को अनुग्रह धनराशि का भुगतान किया गया। इन दुकानों का सुंदरीकरण भी कराया गया।
ये सभी दुकानदार अब उसी स्थान पर व्यापार कर रहे हैं। इसी कड़ी में 401 दुकानदार पूर्ण रूप से स्थानांतरित हुए। इनमें से 339 दुकानदारों को अयोध्या विकास प्राधिकरण ने दुकानें आवंटित की हैं। इनका व्यापार अन्य स्थल पर स्थानांतरित होने पर कुछ समय के लिए व्यापार प्रभावित होने के एवज में प्रति दुकानदार एक से 10 लाख रुपये तक हटायी गई दुकान के आकार के आधार पर अनुग्रह धनराशि का भुगतान उनके खाते में अलग से किया गया है। पूर्ण रूप से स्थानांतरित 79 परिवारों को बसा दिया गया है। कुल 1845 भू और भवन स्वामी प्रभावित हुए। इन्हें 300.67 करोड़ की धनराशि मुआवजे व अनुग्रह धनराशि के रूप में उनके खाते में भेजी जा चुकी है। इसी तरह महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण से प्रभावित सभी परिवारों को पुर्नवासित कराया गया है। प्रभावित खातेदारों से समन्वय बनाकर उनकी सहमति के आधार पर भूमि अर्जन का कार्य किया गया। इसमें 952.39 करोड़ रुपये का भुगतान भूमि और भवन स्वामियों के खाते में किया गया। आजकल मोदी विरोधी दलों के नेता रामनगरी की शांति देवी का एक पुराना विडियो को चुनाव बाद का वीडियो बताकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। इन दिनों शांति देवी सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। इनके मकान टूटने से पहले दिए गए बयान के वीडियो को अबका बताकर वायरल किया जा रहा है। इस बारे में अब स्वयं उन्होंने सामने आकर सफाई दी है। सुग्रीव किला के पीछे रहने वाली शांति के अनुसार उन्हें उचित मुआवजा देने के साथ पुनर्वास कराया गया है। जनकपुरी में प्रशासन ने जमीन भी उपलब्ध कराई है। वीडियो में जो बयान दिखाया जा रहा है, वह तब का है जब उन्हें अपना मकान टूटने की सूचना मिली थी। तब उन्होंने आवेश में आकर अपनी बात कही थी। अब वे अपने पुनर्वास से संतुष्ट हैं।वैसे जमीनी हकीकत भी यही है कि अयोध्या के विकास के लिये जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई थी,उन्हें पूरा मुआवजा दिया गया था,एक-दो लोगों को छोड़कर सभी संतुष्ट भी थे।इसको बीजेपी की हार से जोडकर नहीं देखा जा सकता है।वैसे सच्चाई यह भी है कि अयोध्या लोकसभा सीट भले बीजेपी हार गई हो,लेकिन अयोध्या लोकसभा क्षेत्र के भीतर आने वाली अयोध्या विधान सभा सीट पर बीजेपी सपा प्रत्याशी के सामने बढ़त बनाने में कामयाब रही थी।
अजय कुमार
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार