कलेक्टर श्री वैद्य ने अभियान के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश दिए
कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक में नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत जिले की विभिन्न पंचायतों में क्रियान्वित कार्यो को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्री वैद्य ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना जिले की समस्त पंचायतों में जल स्त्रोतों तथा नदी, तालाबों, कुआं, बावडी तथा अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं पुर्नजीवन हेतु पांच जून से 16 जून 2024 तक विशेष अभियान चलाया जाकर जल संरक्षण संबंधी कार्य कराया जाना है।
अभियान के दौरान मनरेगा योजना अंतर्गत जल संरक्षण , संवर्धन के जिले में कुल 3555 प्रगतिरत कार्य जैसे कपिलधारा कूप, खेत तालाब, सामुदायिक तालाब, चेकडेम, स्टॉपडेम, ग्रेवियन, बोल्डर, परकोलेशन ट्रेंक इत्यादि को अभियान अवधि में अधिक से अधिक कार्य पूर्ण कराने हेतु आवश्यक प्रयास किये जाएंगे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों का अध्ययन करते हुये ग्राम पंचायतवार कार्ययोजना तैयार कराते हुये जनपद पंचायत की समेकित कार्ययोजना तैयार किया जाना है। उपरोक्त के अतिरिक्त चयनित जल संरक्षण तथा संवर्धन संरचनाओं का जीर्णोद्वार, उन्नयन कार्य स्थानीय, सामाजिक, अशासकीय संस्थाओं एवं जनभागीदारी के माध्यम से कराया जाना है। इस हेतु जनभागीदारी से भी सहयोग प्राप्त किया जाना है।
कलेक्टर श्री वैद्य बैठक में बताया कि विदिशा जिले में नमामि गंगे अभियान अंतर्गत मनरेगा के तहत जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके तहत विदिशा जिले की सातों जनपद पंचायतों क्रमशः विदिशा, बासौदा, ग्यारसपुर, कुरवाई, लटेरी, नटेरन और सिरोंज में कुल 3555 मनरेगा अंतर्गत प्रगतिरत जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य निर्धारित किए गए हैं। मनरेगा अंतर्गत प्रगतिरत जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य जिन्हें अभियान अवधि में पूर्ण किया जाना है उनकी संख्या 1433 है। मनरेगा अंतर्गत जिन कार्यों को स्वीकृत किया जाना है उनकी संख्या 258 है। मनरेगा के अतिरिक्त अन्य मदों से स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों की संख्या 415 है तथा जन भागीदारी से किए जाने वाले कार्यों की संख्या 140 है।
जिला, जनपद स्तर समिति निम्नानुसार कार्यवाही संम्पादित करेगी
जिलाध्जनपद अंतर्गत ऐसी संरचनाओं का चयन करेगी जिनका जीर्णोद्वार, मरम्मत किया जाना आवश्यक है। कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित कराना तकनीकी अधिकारियों का उत्तरदायित्व होगा। अभियान में जिले के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक तथा अशासकीय संस्थाओं, योजना एवं आर्थिकी विभाग के साथ सहभागिता कराना। पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलब्ध पर प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक कार्य प्रारंभ कराना अनिवार्य है। जलसरंचनाओं का अतिक्रमण हटाना। फीडर चेनल बनाकर आवक में वृद्धि करना। आउटकम वेस्ड जलसंरचनाओं का चयन करना। जलसंरचनाओं के किनारे बफर जोन में हरित पार्क का विकास करना। जल संरचनाओं के आसपास साफ-सफाई रखना।