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Monday, February 10, 2025
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’’मलेरिया रथ’’ का शुभारम्भ (मण्‍डला समाचार)

            मलेरिया रोग का संक्रमण काल मानसून के शुरुवात से ही प्रारंभ हो जाता है जो कि माह जून-जुलाई से शुरु होकर वर्ष के माह अक्टूबर-नवम्बर तक अधिक होता है। इसकी रोकथाम एवं प्रचार-प्रसार हेतु प्राथमिकता के अनुसार मलेरिया प्रभावित ब्लॉक व ग्रामों में व्यापक प्रचार-प्रसार व जन समुदाय में जागरुकता हेतु 1 जून 2024 को जिला चिकित्सालय परिसर मण्डला से डॉ. के.सी. सरौते, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मण्डला एवं डॉ. वाय.के. झारिया, जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी द्वारा मलेरिया रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। मलेरिया नियंत्रण को सफल बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष जून माह को मलेरिया निरोधक माह के रुप में मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न गतिविधियां की जाती हैं।

            इस अवसर पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र की प्रशिक्षणार्थी (स्वास्थ्य) एवं विभाग के लोकसेवकों ने भाग लिया। मलेरिया रथ शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए प्राथमिकता के आधार पर जिले के मलेरिया प्रभावित हाई रिस्क ग्रामों में माइकिंग, पम्पलेट वितरण फ्लेक्स, बैनर इत्यादि के माध्यम से लोगों को मलेरिया एवं अन्य वाहक जनित रोगों से बचाव हेतु जागरुक किया जा रहा है। जनसमुदाय में मच्छरदानी के उपयोग एवं मच्छरजन्य परिस्थितियों को रोकने हेतु कूलर, गमले, मटके, टायर, टंकियों इत्यादि में रुके पानी को खाली करने एवं सप्ताह में एक बार अवश्य बदलने एवं लार्वा विनिष्टीकरण की जानकारी दी जा रही है। साथ ही बुखार रोगियों की त्वरित जांच व उपचार सुविधा भी मलेरिया रथ में उपस्थित कर्मचारी एवं स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही मलेरिया निरोधक माह में अन्य गतिविधियां जैसे पंचायत स्तरीय कार्यशाला, मलेरिया रोगियों की खोज व जांच एवं उपचार, प्रशिक्षण, लार्वा सर्वे, लार्वा विनिष्टीकरण एवं प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

लोगों को दी जाएगी मलेरिया से बचने की समझाईश

’’मलेरिया निरोधक माह जून 2024’’

            मानसून शुरु होते ही मच्छरों की संख्या एवं घनत्व में भी वृद्धि होने लगती है इसमें आवश्यक है कि हम मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों को लेकर जागरुक रहें। इन बीमारियों में मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया शामिल है। मानसून की शुरुआत से बारिश समाप्ति तक इन बीमारियों के बढ़ने के ज्यादा आसार होते हैं। इन बीमारियों से निपटने के लिए जन जागरुकता एवं जन समुदाय की सक्रिय सहभागिता को सफल बनाने हेतु प्रत्येक वर्ष जून माह को ’’मलेरिया निरोधक माह’’ के रुप में मनाया जाता है, जिससे मच्छर जनित रोगों के संक्रमण को कम कर इन पर विजय पाया जा सके। मलेरिया निरोधक माह जून के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियॉ जैसे शपथ, हस्ताक्षर अभियान, अंर्तविभागीय कार्यशाला, ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तर पर एडवोकेशी, मास सर्वे, ग्राम की प्रमुख दीवारों पर नारे लेखन कार्य, मलेरिया मोबाईल रथ, दूरस्थ एवं पहुंचविहीन क्षेत्रों में रैपिड डायग्नोस्टिक किट एवं मलेरियारोधी दवाओं की उपलब्ध्ता, स्कूल, कॉलेज में प्रचार-प्रसार आदि किया जाना है। मलेरिया मोबाईल रथ शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए प्राथमिकता के आधार पर जिले के मलेरिया प्रभावित हाई रिस्क ग्रामों में माइकिंग, पम्पलेट वितरण फ्लेक्स, बैनर इत्यादि के माध्यम से लोगों को मलेरिया एवं अन्य वाहक जनित रोगों से बचाव हेतु जागरुक किया जायेगा।

            जनसमुदाय में मच्छरदानी के उपयोग एवं मच्छरजन्य परिस्थितियों को रोकने हेतु कूलर, गमले, मटके, टायर, टंकियों इत्यादि में रुके पानी को खाली करने एवं सप्ताह में एक बार अवश्य बदलने एवं लार्वा विनिष्टीकरण की जानकारी दी जायेगी। साथ ही बुखार रोगियों की त्वरित जांच व उपचार सुविधा भी रथ में उपस्थित कर्मचारी एवं स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलाया जाता है, जो कि मलेरिया परजीवी के कारण होता है। मलेरिया परजीवी भारत में मुख्यतः दो प्रकार के पाये जाते हैं – प्लाज्मोडियम वाइवेक्स एवं प्लाज्मोडियम फैल्सी फेरम, जिसे मस्तिष्क ज्वर मलेरिया परजीवी के नाम से भी जाना जाता है जो सर्वाधिक खतरनाक होता है। मादा एनाफिलीज को नाइट बायटिंग मच्छर भी कहा जाता है जो सामान्यतः शाम एवं भोर बेला के बीच काटता है। यह मच्छर रुके साफ पानी में अंडे देता है अंडे से मच्छर 9 से 11 दिन में बन जाता है। यह आवश्यक है कि घरों के आस-पास सफाई रखें, अनावश्यक पानी जमा न होने दें। घरों की छत पर रखें अनुपयोगी वस्तुऐं जैसे डिब्बे, फूलदान, टायर, बर्तन दत्यादि की नियमित रुप से सफाई करें, उन्हें इस प्रकार रखें कि उनमें पानी न जमा होने पाये। पानी के बर्तन, टंकी को ढक्कर रखें। सोने के लिए हम मच्छरदानी का उपयोग करें, घरों में मच्छर निरोधक जालियों, मच्छर निरोधी क्रीम, कॉइल का उपयोग करें। अपने घरों में मच्छर निरोधक पौधे जैसे- लेमनग्रास, लहसुन, लेवेंडर, गेंदा, तुलसी, सिट्रोनेला इत्यादि लगाएं। कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। बुखार आने पर तुरंत खून की जांच कराऐं और अगर जांच में मलेरिया पॉजिटिव निकलता है तो चिकित्सक, आशा, हेल्थ वर्कर द्वारा दिये गए पूर्ण उपचार लें। समस्त शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में मलेरिया जांच एवं उपचार निःशुल्क किया जाता है। ’’जन समुदाय की सक्रिय सहभागिता एवं स्वच्छता ही मलेरिया एवं डेंगू नियंत्रण का एक प्रभावी उपाय है’’।

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