23 C
Mandlā
Tuesday, December 3, 2024
The viral
Homeमध्यप्रदेशएक नेक काम देश के नाम (मण्‍डला समाचार)

एक नेक काम देश के नाम (मण्‍डला समाचार)

अपने घर को बना ले वृंदावन
घर बाहर वृक्ष लगाए ,तुलसी वन

ना कहीं का पौधा उखाड़ो
ना कहीं उसे उखाड़ लगाओ

मेरा घर मेरा वन बेल आम जामुन
बिही नीम लगाओ ढेर फूल

अपना कर्तव्य सोचो समझो
घर मे कई वृक्ष लगा बचाओ

क्योंकि दो-तीन साल में इस कदर तापमान बढ़ेगा हरितमा गायब हो जाएगी । चारों तरफ कंक्रीट का जाल बिछेगा । पानी खत्म हो जाएगा प्लास्टिक को जलाने से दूषित हवा होगीl समय रहते संभालने और समझने में ही समझदारी है । अगर हम प्रकृति का दोहन करना छोड़ देते हैं तो वह इतनी सक्षम है हम जैसे जंगली जानवरों की तो उसकी आवश्यकता ही नहीं है सही में कुछ संकल्पित होकर करना चाहते हैं तो अभी इतनी भीषण गर्मी में भी वृक्षों के नीचे उनके बीच पड़े हुए हैं कई में तो अंकुरण भी निकल गया है उन्हें एकत्र करके ले लिए घर में संरक्षित करें थोड़े दिनों में बरसात आएगी फिर आप इन्हें अपने घर के आसपास अपने मित्रों को उपहार स्वरूप देकर संकल्पित जरूर करवाए lशहरों में अधिकतम ताप 45 डिग्री से 47 डिग्री तक हो चुका हैl पर्यटक स्थल भी गर्म हो रहे हैं । हम इन स्थानों पर जाकर डिस्पोजल रैपर गुटके के पाउच प्लास्टिक पॉलिथीन डिस्पोजल प्लास्टिक बोतल प्रसाद के छोटे-छोटे पाउच शैंपू तेल अचार टोमेटो केचप को फेंक कर आते हैंl जहां मिलता है वहीं फेंक देते हैं क्योंकि हमारे लिए हमारी धरती कचरा घर जो बन चुकी है l जो की सड़क के किनारे गंदगी एवं समूचे पर्वतीय स्थल को जलाकर राख करने की क्षमता का सामर्थ रखते हैं । घूमने के लिए जितने लोग भी इन अद्भुत प्राकृतिक क्षेत्र में जा रहे हैं सभी वर्गों के साथ जो युवा वर्ग जा रहे हैं सिगरेट बीड़ी पीकर इन किनारो पर फेंक देते हैं यहां तक की शराब की बोतलों से बंदर कुत्ते इनको भी पिलाने का दुष्कृत करते है बड़ी शर्म की बात है l अपनी संस्कृतियों की स्वयं धज्जियां उड़ा के रख दी। यह सभी प्लास्टिक उत्पाद उसे फेंकी हुई सिगरेट फेक देते हैं। यह प्लास्टिक का कचरा सूखे पत्ते सब मिलकर सुलगते सुलगते प्रचंड अग्नि में परिवर्तित हो जाते हैं lऔर फिर वह अनियंत्रित हो जाती है lजैसे कि हाल में ही अभी उत्तराखंड में एवं अनेक पर्यटक स्थल में यह देखने को मिला । साथ ही विकास की अंधी दौड़ में पेपर नैपकिन की बहुत मांग बढ़ गई अज्ञानता और जागरूकता की कमी के कारण क्योंकि उन्हें यह कारण ही नहीं मालूम कि यह पेपर नैपकिन भी पौधों के द्वारा बनते हैं कागज की प्लेट कागज के कप तो आपने प्रयोग करना चालू कर दिया lपर क्या इसका उचित संग्रहण के लिए आपने ध्यान दिया कि केवल पेपर नैपकिन ढेर सारी लेकर आ जाओ अगर इसे उचित तरीके से संग्रहित किया जाए तो पुनः हम इन पेपर नैपकिन कागज के गिलास और कागज की प्लेट का निर्माण कर सकते हैं। पर किसको इतनी फुर्सत है कि वह इस तरह ध्यान दे पाएगा केवल प्रयोग में लो और फेको l पर इन सबको समूचे प्लास्टिक उत्पाद को कागज पेपर नैपकिंस इनको एकत्र करके जला दिया जाता है ताकि गंदगी ना दिखे या फिर एक पौधे को लेंगे उसको 10 लोग पकड़ने प्लास्टिक के बैनर लेकर फोटो खिंचवाएंगे थोड़ी देर में वह पौधा 10 के खींचने से स्वयं मर जाता है और फिर किसी को फुर्सत नहीं कि देखकर आए कि वह जीवित है कि नहीं कृपया इस कृति को ना करें बल्कि जमीनी स्तर पर सही में काम करें फोटो उसे समय खींचवाए जब वह ले लगता हुआ दिखे जो पौधा अपने सपने मिलाकर लगाया था वह संरक्षित है सुरक्षित है। अगले साल ये शहर 50 डिग्री को पार कर जाएंगे। यहां तक ​​कि एसी या पंखा भी हमें गर्मी से नहीं बचा पाएगा । इतनी गर्मी क्यों है एक दूसरे से बात करते रह जाएंगे के कारण भी हम हैं और निदान भी हम है । तो लिए देर ना करें अपने-अपने घर में जितने पौधे लगा सकते हैं छोटे बड़े लगाइए घर को ही वृंदावन बना ले ।

डॉ. सरिता अग्निहोत्री पर्यावरणविद प्रहरी मंडला मध्य प्रदेश

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
The Viral Patrika

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!