सीसीई यानी कंटीन्यूस कांप्रहेंसिव इवेल्यूएषन (सतत् व्यापक मूल्यांकन) को कॅरियर सेल ने सृृजनात्मक बनाया है। इसके अंतर्गत पूरे सत्र में विद्यार्थियों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़कर उनके व्यक्तित्व को बहुआयामी बनाया जाता है। वोकेषनल कोर्स व्यक्तित्व विकास के विद्यार्थी सीसीई में जहां असाइनमेंट्स के माध्यम से अपनी लेखन क्षमता का विकास करते हैं, वहीं बीस से अधिक अन्य विधाओं के जरिये वो कला, सम्प्रेषण, सामाजिकता, सद्व्यवहार, अभिनय, गायन, पठन, वाचन, प्रजेंटेषन जैसे गुणों का विकास करते हैं। ये बातें शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताईं। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास के प्रषिक्षण में यह बड़वानी का अपना मौलिक प्रयोग है, जिसका लाभ एक हजार से अधिक युवा प्रत्येक सत्र में प्राप्त कर रहे हैं। प्राचार्य डॉ. दिनेष वर्मा के मार्गदर्षन और संरक्षण में कॅरियर सेल बड़वानी प्रयोग को निरंतर संचालित कर रहा है। ऐसे करते हैं सीसीई व्यक्तित्व विकास के प्रषिक्षित प्रषिक्षक डॉ. मधुसूदन चौबे ने बताया कि सीसीई की अवधारणा बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण है। इसमें सतत तथा व्यापक शब्द शामिल हैं। यह निरंतर और गहराई से चलने वाली गतिविधि है। इसके आधार पर युवाओं की प्रगति का मूल्यांकन होता है। सभी विषयों की तरह व्यक्तितव विकास वोकेषनल कोर्स में भी तीस अंक सीसीई के लिए निर्धारित होते हैं। ये अंक विद्यार्थियों की अंकसूची या ग्रेडषीट में भी जोड़े जाते हैं। कॅरियर सेल ने सीसीई को इस तरह से डिजाइन किया कि ये विद्यार्थियों की रुचि और कॅरियर के लक्ष्य के अनुरूप उन्हें सीखने, समझने और स्वयं को निखारने का अवसर दे। छह विधाएं चुनते हैं हम व्यक्तित्व विकास के विद्यार्थियों खुषी अग्रवाल, अनुष्का शर्मा, हिम्मतसिंह कनेष, तुषार गोले, देवप्रिया चौहान, दिव्या जमरे आदि ने बताया कि हमारे समक्ष बीस से अधिक विधाएं प्रस्तावित की जाती हैं। उन्हें पावर पाइंट प्रजेंटेषन के द्वारा हमारे समक्ष प्रस्तुत किया जाता है और प्रत्येक विधा के लाभ स्पष्ट किये जाते हैं। इन विधाओं में बुक रीडिंग एंड बुक रिव्यू, बायोग्राफी रीडिंग एंड पर्सनालिटी एनालिसिस, सक्सेसफुल पर्सनालिटी से विजिट और एनालिसिस, गु्रप डिस्कषन, डिबेट, स्पीच, पावर पाइंट प्रजेंटेषन, ड्रामा, क्रिएटिव राइटिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, ट्रेडिषनल आर्ट, मेकअप एंड नेल आर्ट, पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग, कोलाज मेकिंग, डांस, सिंगिग, माइम, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट, असाइनमेंट लेखन एंड प्रजेंटेषन, कूकिंग, कंडक्टिंग द प्रोग्राम आदि शामिल हैं। हम इनमें से न्यूनतम छह का चयन करना होता है। हमें यह इतना इंटरेस्टिंग लगता है कि हम छह से अधिक एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करते हैं। इस तरह के सीसीई को सम्पन्न करने के लिए कॅरियर सेल की पूरी टीम सक्रिय रहती है। प्रीति गुलवानिया, वर्षा मुजाल्दे, वर्षा षिंदे, अंतिम मौर्य, किरण वर्मा, राहुल वर्मा, राहुल भंडोले, वर्षा मालवीया, नमन मालवीया, सुभाष चौहान, सावन शर्मा, विप्लव शर्मा, डॉ. अनिल पाटीदार, डॉ. प्रवीण मालवीया, खुषी अग्रवाल, धीरज सगोरे, कोमल सोनगड़े सहित अनेक कार्यकर्ता समय-समय पर अपनी भूमिका का निर्वाह करते हैं और युवाओं को इन विधाओं में तैयारी के लिए मार्गदर्षन देते हैं। बड़वानी प्रयोग के अंतर्गत किये जा रहे सीसीई की षिक्षा प्रषासकों, प्रषासनिक अधिकारियों, षिक्षाविदों आदि ने अनेक बार भूरि-भूरि प्रषंसा की है।