राज्य आनंद संस्थान भोपाल, मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित अल्पविराम कार्यक्रम में स्थानीय पटवारी प्रशिक्षण शाला, सीहोर में सीहोर और भोपाल के 122 प्रशिक्षुओं को अल्पविराम का महत्व सिखाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा-अर्चना से हुई, जिसके बाद आनंद संस्थान के मुकेश कारवां ने संस्थान का परिचय और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मास्टर ट्रेनर राकेश शर्मा ने भी रिश्तों पर अपने अनुभव साझा किए और एक गतिविधि का आयोजन किया। आनंद सहयोगी लखन राजपूत ने अपने मधुर गीत से जीवन की सच्चाई और आत्म-संतुष्टि का अनुभव कराया। इसी क्रम में आनंद सहयोगी रमेश चन्द्र मेवाड़ा जी ने मदद पर अपनी शेयरिंग दी, तथा श्रीमती अंगूरी बामने ने “आनंद और खुशी में अंतर” पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि खुशी क्षणिक होती है, जबकि आनंद गहरा और स्थायी होता है।
भैरूंदा निवासी मास्टर ट्रेनर बबली शर्मा ने कार्यक्रम की शुरुआत लेखा-जोखा पर ध्यानाकर्षण के साथ की। आनंद सहयोगी श्रीमती अंगूरी बामने ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए आत्मनिरीक्षण और आत्मसंतुष्टि के महत्व पर बल दिया। इसी क्रम में कालापीपल जिला शाजापुर निवासी मास्टर ट्रेनर डॉ. मंगलेश जायसवाल ने “रिश्तों के मायने और उनकी बेशकीमती अहमियत” पर एक विस्तृत सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि सच्चा आनंद बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि हमारे आपसी संबंधों और दृष्टिकोण में होता है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को अपने रिश्तों को मजबूत करने के उपाय बताते हुए आपसी समझ, संवाद और सहयोग की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के अंत में मुकेश कारवां ने “खुद से खुद की मुलाकात” के लिए अल्पविराम के उपयोग पर जानकारी दी। उन्होंने ध्यान, योग और विचारशीलता के अभ्यासों से जीवन की गुणवत्ता में सुधार और सच्चे आनंद की पहचान के तरीकों पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से अल्पविराम को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के तरीके भी समझाए गए।
इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण संस्थान के उप प्रधानाचार्य विजय सराठिया, अधीक्षक भू अभिलेख श्रीमती स्मिता भूषण, राजस्व निरीक्षक रामबरन सिंह यादव, जेडीईओ गजेंद्र सिंह मंडराई और नेशनल अवार्ड प्राप्त मधु परमार समेत अन्य अधिकारी, कर्मचारी और प्रशिक्षु पटवारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में श्री मंडराई ने सभी प्रशिक्षु पटवारियों से अपने अनुभव साझा करते हुए रिलेक्स और कूल रहने को कहा।
इस कार्यक्रम ने प्रशिक्षु पटवारियों को मानसिक शांति प्रदान की और उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में संतुलित और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। सभी प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की सराहना की और इसे अपने जीवन में लागू करने की प्रतिबद्धता जताई। फीडबैक में सभी प्रशिक्षु और अधिकारी बंधु ने राज्य आनंद संस्थान की इस पहल की खूब तारीफ की। और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहना चाहिए। साथ ही सभी प्रशिक्षु पटवारियों ने एस.एल.आर. सर का आभार व्यक्त करते हुए आनंद सहयोगियों और मास्टर ट्रेनर को धन्यवाद दिया।