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Friday, December 6, 2024
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महाकोशल महाविद्यालय में उच्च शिक्षा संस्थानों में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विकास” विषय पर हुआ राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन (जबलपुर समाचार)

शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य स्वशासी महाविद्यालय जबलपुर में आज शुक्रवार को “उच्च शिक्षा संस्थानों में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विकास” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर डॉ अनिल करवंडे पूर्व प्राचार्य, ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षा विभाग नागपुर, डॉ संतोष जाटव अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ए सी तिवारी उपस्थित रहे। वेबिनार का शुभारंभ संयोजक डॉ. ज्योति जुनगरे द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा के प्रस्तुतिकरण से हुआ। डॉ तृप्ति उकास द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन किया किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व फिजियोथेरिपिस्ट प्रसिद्ध विचारक एवं शिक्षाविद डॉ. अनिल करवंडे ने वेबिनार को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा संस्थानों में शारीरिक शिक्षा संबंधी विकास कार्यक्रमों के निरंतर आयोजन एवं उनके प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए आह्वान किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ संतोष जाटव ने कहा कि व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए अपने दैनिक जीवन में योग और व्यायाम को आत्मसात करना चाहिए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ए सी तिवारी ने शारीरिक शिक्षा योग, व्यायाम के महत्व और युवा जीवन पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला।

मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित मेरठ विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रोफेसर डॉ योगेश कुमार ने अपने व्याख्यान में कहा कि विद्यार्थियों की अधिकतम सहभागिता हेतु क्षेत्रीय खेलों को बढ़ावा देने, संस्था के संसाधनों का अधिकतम दोहन करने एवं इस विषय में सिस्टमेटिक इम्प्रूवमेन्ट की आवश्यकता है। श्रीमती संगीता खरे ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को अपनी योग्यता और प्रतिभा का प्रयोग गोल सेट करके एवं उसके प्रति पूर्णतः समर्पित और दृढ़ संकल्पित होकर करना चाहिए। संचालक एवं विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय डॉ विशाल बन्ने ने कहा कि फिजीकल एजु‌केशन को स्कूल शिक्षा से ही अनिवार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस क्षेत्र में वर्तमान कॅरियर विकल्पों पर भी प्रकाश डाला। वेबिनार के समापन सत्र पर प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

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