संभागीय कमिश्नर अभय वर्मा ने आज मॉडल स्कूल में संचालित ज्ञानाश्रय कोचिंग में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को मार्गदर्शन दिया। इस दौरान उन्होंने भारत में खनिज व ऊर्जा संसाधनों के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि भारत में अच्छी मात्रा में खनिज और ऊर्जा संसाधन उपलब्ध है, जो भारत के विकास में सहायक है। उन्होंने भारतीय भूगोल पढा़ते हुए कहा कि भारत में बहुत सारे खनिज और ऊर्जा संसाधन है जिनमें लौह अयस्क ओडिशा के सोनाई, क्योझर, मयूरभंज, झारखंड के सिंहभूमि हजारीबाग, पलामू धनबाद, छत्तीसगढ़ में बस्तर, दुर्ग, रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर, मध्यप्रदेश के जबलपुर, कर्नाटक के बेलारी चिकमंगलूर, महाराष्ट्र के रत्नागिरी, चांदा तमिलनाडु के सलेम, तिरुचिरापल्ली और गोवा में मिलता है। जिसका उपयोग भारी उद्योगों में कार, बस, ट्रक, ट्रेन आदि को बनाने के लिए किया जाता है। पेट्रोलियम जिसे काला सोना कहा जाता है। इसकी पहली खान डिगबोई की सूरमा घाटी में खोली गई थी। उसके बाद गुजरात के खम्बात और अंकलेश्वर में, महाराष्ट्र के बॉम्बे हाई में खनीज तेल के भंडार मिले है। इसकी खोज 1973 ई. में हुई। यहाँ तेल उत्पादन आल इंडिया लिमिटेड कंपनी के द्वारा 1976 मे शुरू किया गया। वर्तमान मे पेट्रोलीयम क्षेत्र मे काम कर रही कंपनी की संख्या 23 है। जिनमे 19 भारत सरकार द्वारा, 3 प्राइवेट क्षेत्र और 1 संयुक्त रूप से चलाई जा रही है। मैंगनीज भारत के ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, गुजरात, झारखंड, और राज्स्थान में पाया जाता है। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में मैंगनीज के लिए भार वैली खान प्रसिद्ध है। कमिश्नर ने क्रोमाइट, निकिल, सीसा, जिंक, टंगस्टन, पाइराइट्स, कोयला, तॉंबा, बॉक्साइट, सोना, चॉंदी, हीरा, जस्ता, यूरेनियम, थोरीयम के पायें जाने के स्थान, मात्रा और उपयोग आदि बिन्दुओं को विस्तार से बताया और कहा कि अगर कोई राज्य संसाधनों का अति दोहन करता है मतलब मानक से अधिक दोहन करता है, तो राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण जुर्माना आरोपित करता है।