कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज मदन महल स्थित शिमला हिल्स में दादा गुरू से सौजन्य भेंट की। इस दौरान संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी निर्देशों पर चर्चा की गई जिसमें मुख्य रूप से महायोगी दादा गुरू के साधना पर शोध एवं उसकी प्रमाणिकता को विश्व मानस पटल पर प्रमाणिक तौर पर स्थापित करने के संबंध में है। संचालनालय के निर्देशानुसार अधिष्ठाता नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज द्वारा इस कार्य के लिये विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है। जिसमें अध्यक्ष पूर्व प्राध्यापक, कार्डियोलॉजी एवं पूर्व कुलपति एमपीएमएसयू जबलपुर डॉ. आरएस शर्मा एवं सदस्य सहायक प्राध्यापक मेडिसिन डॉ. प्रशांत पुणेकर, सहायक प्राध्यापक पैथोलॉजी विभाग डॉ. राजेश महोबिया, नर्मदा मिशन के अध्यक्ष श्री नीलेश रावल होंगे। समिति नियमित रूप से दादा गुरू का पल्स, ब्लड प्रेशन, ईसीजी इत्यादि की जांच करेगी, आवश्यकतानुसार ब्लड, शुगर, कोलेस्ट्राल, यूरिया, यूरिक एसिड इत्यादि की जांच करेगी, जरूरत अनुसार अन्य जांचे जो समिति द्वारा उचित समझी जावे वो भी की जावेगी, समिति जांच रिपोर्ट 3 सप्ताह उपरांत रजिस्ट्रार मेडिकल कौंसिल को प्रस्तुत करेगी। साथ ही यह निर्देश दिया गया कि उपरोक्त कार्य अत्यधिक सावधानीपूर्वक किया जाना है तथा दादा गुरू को 24 घंटे एवं 7 दिनों तक सतत् निगरानी में रखा जाये। उल्लेखनीय है कि दादा गुरू 3 साल 7 माह से अधिक समय तक सिर्फ नर्मदा जल ही ग्रहण कर रहें है। ऐसी स्थिति में संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा उनपर शोध करने का निर्णय लिया है कि आखिर नर्मदा जल में ऐसे कौन से तत्व है जिससे कोई व्यक्ति इतने लम्बे समय तक बिना अन्न ग्रहण किये जीवित रह सकते है। कलेक्टर श्री सक्सेना ने भी शोध संबंधी विभिन्न सावधानियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।