202 प्रकरणों का हुआ निराकरण
पीड़ित पक्षकारों को दिलाया लगभग 1.62 करोड़ से ज्यादा अतिरिक्त क्षतिधन
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में भी शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। इस नेशनल लोक अदालत में 202 प्रकरणों का निराकरण किया गया। साथ ही मोटर दुर्घटना क्लेम अपील प्रकरणों में पीडित पक्षकारों को लगभग एक करोड़ 62 लाख 85 हजार रूपये का अतिरिक्त क्षतिधन दिलाया गया। मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति विवेक रूसिया के मार्ग दर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ।
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के न्यायाधिपति राजेन्द्र कुमार व सीनियर एडवोकेट श्रीमती निधि पाटनकर एवं न्यायाधिपति मिलिंद रमेश फडके व एडवोकेट तपन कुमार त्रिवेदी की खण्डपीठ गठित की गईं थी। इन न्यायपीठों द्वारा आपसी सहमति के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया गया। साथ ही क्लैम संबंधी प्रकरणों में पीड़ित पक्षकारों को अतिरिक्त क्षतिधन भी दिलाया। एक क्लेम संबंधी प्रकरण मृतक चुन्नीलाल साहू से संबंधित था। चुन्नीलाल साहू अपने सिटी सेंटर स्थित ऑफिस से अपनी मोटर सायकल से मोटल तानसेन से आकाशवाणी तिराहा होते हुये वापस थाटीपुर आ रहे थे, उसी समय आकाशवाणी तिराहा पार कर पुलिस चौकी के पास रात्रि में रेस्पोडेंट अपनी स्कोर्पियो कार स्टेशन तरफ से लापरवाहीपूर्वक चलाकर लाया और चुन्नीलाल की मोटर सायकल में पीछे से टक्कर मार दी। इलाज के दौरान चुन्नीलाल की मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी व बच्चों ने क्षतिपूर्ति धन राशि में वृद्धि के लिए उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई। इस मोटर दुर्घटना क्लेम अधिकरण प्रकरण में मृतक के वारिसान को दिलाये गये क्षतिधन में उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर की नेशनल लोक अदालत में खण्डपीठ द्वारा आठ लाख रुपए की वृद्धि की गई।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार एवं सचिव श्री अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया है कि लोक अदालत का मूल उद्देश्य आपसी वैमनस्यता एवं विवादों का आपसी सहमति व राजीनामा के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करना है। दोनों पक्षों के बीच चल रहे विवाद बिना किसी की हार-जीत के साथ समाप्त हों। इसी मूल भावना को आधार बनाकर नेशनल लोक अदालत के पूर्व न्यायमूर्ति विवेक रूसिया प्रशासनिक न्यायाधिपति मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर के मार्गदर्शन में उच्च न्यायालय में विचाराधीन राजीनामा योग्य प्रकरणों मुख्यतः बीमा कंपनी के प्रकरणों को चिन्हित कर सूची तैयार की गई। इसके बाद बीमा कंपनी के अधिकारी व अधिवक्तागण तथा पक्षकार व उनके अधिवक्तागण के साथ विभिन्न तिथियों में प्री-सिटिंग आयोजित की जाकर राजीनामा के आधार पर प्रकरणों के निराकरण के लिए उभयपक्ष में सहमति बनाई गई। जिसके फलस्वरूप 100 क्लेम प्रकरणों सहित कुल 202 प्रकरणों का उक्त लोक अदालत में निराकरण किया गया है।