राजनैतिक सभा, बैठक, रैली, जुलूस आदि के लिए पूर्व अनुमति जरूरी
लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के दौरान लोक शांति बनाए रखने एवं सम्पूर्ण निर्वाचन की प्रक्रिया को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने की दृष्टि से कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना द्वारा 16 मार्च से 6 जून 2024 के दौरान संपूर्ण मंडला जिले में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं।
जारी आदेश के अनुसार इस अवधि में कोई भी व्यक्ति, राजनैतिक दल, संघ, संगठन, संस्था आदि सक्षम प्राधिकारी की बिना पूर्व अनुमति के किसी प्रकार की सभा, कार्यक्रम, वाहन रैली, साधारण रैली नहीं करेंगे।
अनुमति की समस्त शर्तों का पालन करना आवश्यक
सभा, कार्यक्रम, जुलूस, रैली आदि की स्वीकृति प्राप्त होती है तो स्वीकृति में उल्लेखित अवधि, तिथि, भवन, के साथ-साथ अनुमति की समस्त शर्तों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक होगा। ऐसी सभा, रैली का आयोजन निजी, शासकीय गैर शासकीय स्थानों, परन्तु वह स्थान जो अन्यथा उपयोग हेतु प्रतिबंधित है, को छोड़कर केवल पूर्व अनुमति के साथ ही कर सकेंगे। ऐसी सभाओं का आयोजन किसी धार्मिक स्थान, यथा मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, आदि पर नहीं किया जा सकेगा। कोई व्यक्ति, राजनैतिक दल, संघ, संगठन, संस्था आदि किसी समुदाय अथवा धर्म विशेष को लेकर अथवा अन्य प्रकार के ऐसे किसी भाषण, संवाद, नारे, आदि का उपयोग नहीं करेगा जो आदर्श आचरण संहिता के विपरीत हो, चाहे वह मौखिक अथवा मुद्रित रूप में हों, जिससे साम्प्रदायिक अथवा अन्य प्रकार से लोक परिशान्ति भंग हो सकती है। कोई भी व्यक्ति शासकीय अथवा सार्वजनिक परिसंपत्ति को विरूपित नहीं करेगा।
हॉटल और लॉज में रूकने वालों की जानकारी देना होगा
मण्डला जिले में स्थित समस्त हॉटल, लॉज, धर्मशाला, सराय, गेस्ट हाउस आदि में रूकने वाले वालों का रजिस्टर संबंधित संचालक या प्रबंधक को रखना व उसकी जानकारी संबंधित थाना प्रभारी को देना अनिवार्य होगा। सम्पूर्ण निर्वाचन अवधि के दौरान किसी सभा में वाहन पर या अन्यथा लाउडस्पीकर के उपयोग से पूर्व सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य पूर्णतः वर्जित रहेगा। प्रत्येक व्यक्ति, राजनैतिक दल, संघ, संगठन, संस्था आदि को निर्वाचन अवधि में आदर्श आचरण संहिता के सभी प्रावधानों का अक्षरशः पालन करना अनिवार्य होगा।
अस्त्र-शस्त्रों का परिवहन प्रतिबंधित
जारी आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति, सार्वजनिक स्थानों पर अस्त्र-शस्त्र धारण नहीं करेगा जिसमें आग्नेय शस्त्र, जैसे- बन्दूक, पिस्तौल, रिवाल्वर व अन्य हथियार जैसे बल्लम, भाला, खंजर, शमशीर, फरसा, फलिया, चाकू आदि सम्मिलित हैं। जिससे किसी को घायल अथवा चोटिल किया जा सके या जिनके प्रयोग से लोकहित को खतरा सम्भाव्य हो। कोई भी व्यक्ति वैध अनुमति के बिना अस्त्र-शस्त्रों का परिवहन भी नहीं करेगा।
सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने पर होगी कार्यवाही
इसी प्रकार सोशल मीडिया जैसे वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम व अन्य माध्यमों से कई समूहों द्वारा सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने विभिन्न समुदायों के मध्य संघर्ष, वैमनस्यता की स्थिति निर्मित करने के उद्देश्य से तरह-तरह के आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन करने वाले एवं अफवाह, भ्रमात्मक जानकारी वाले मैसेज, पिक्चर, आडियो, वीडियो आदि के प्रसारण पर प्रतिबंध रहेगा, ताकि वर्गविभेद, नस्लीय भेदभाव या जातिगत घृणा को बढ़ावा देने व सामुदायिक उन्माद फैलाने की कोशिशों पर रोक लगाई जा सके। उक्त आदेश के उल्लंघन पर संबंधित के विरूद्ध साइबर क्राईम की धारा 66ए एवं भारतीय दण्ड विधान 1860 के तहत अभियोजन की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।
मुद्रित सामग्री में मुद्रक प्रकाशक का नाम आवश्यक
जन सामान्य को अपने पक्ष में करने हेतु उन पर अनुचित दबाव बनाने, भय पैदा करने, प्रलोभन स्वरूप विभिन्न वस्तुएं, नकद धनराशि बांटने, पारितोषिक देने, निर्वाचन में असम्यक असर डालने वाले कृत्य सभी राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों, अन्य व्यक्तियों के लिए पूर्णतः वर्जित रहेंगे। चुनाव प्रचार-प्रसार कार्य हेतु मुद्रित कराये जाने वाले पम्पलेट, पोस्टर आदि पर संबंधित मुद्रक को अपना नाम, मुद्रित प्रतियों की संख्या अंकित करना अनवार्य होगा। इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का राजनैतिक विज्ञापन जारी करने से पहले उसका पूर्व प्रमाणन कराना आवश्यक होगा। मतदान हेतु निर्धारित तिथि से दो दिवस पूर्व (48 घंटे पूर्व) प्रिंट मीडिया में भी राजनैतिक विज्ञापन के लिए पूर्व प्रमाणन की शर्त अनिवार्य होगी।