दवायुक्त मच्छरदानी का स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य सहयोगी कर्मचारियों द्वारा जिले के चिन्हांकित हाईरिस्क 460 ग्रामों में वितरण किया जा रहा है। 5 मार्च को मण्डला के भैंसादाह, बक्छेरादोना, धनगांवमाल, तिंदनी, मानादेई, नैनपुर के धनौरा, इन्द्री, केरेगांव, मोहगांव के मचला, हर्राटीकुर, पातादेई, मुंगवानी, पंछीपानी, सालीवाड़ा माल, खर्राछापर माल, उमरडीह, घुघरी के बनेहरी, नाहरवेली, जुनवानी, ईश्वरपुर, सुरेहली तथा निवास के भीखमपुर, मसूरघुघरी माल, मसूरघुघरी रैयत, खम्हरिया माल, कुसमी, कटंगसिवनी, थानमगांव, सुखरसंग्रामपुर, गढ़बिसौरा में मच्छरदानी का वितरण किया गया।
6 मार्च को बम्हनी के मानादेई, मालीमोहगांव, किन्द्री, बकछेरागोंदी, बकौरी, सलैया, सूरजपुरा, अहमदपुर, घाघा, बकछेरादोना, धनगांव माल, तिंदनी, आमानाल, पटपरसिंगारपुर, खैरी, दाढ़ी, पौंड़ीमाल, कठौतिया, निरदगढ़, खगुआ, जयन्तीपुर, कटगी, ढेंकों, गूढ़ाअंजनिया, सिलगी, रमपुरादेवदरा, हिरदेनगर, पद्मी, खड़देवरी, फूलसागर, ग्वारी तथा नैनपुर के टाटरीमाल, रमपुरी, भालीवाड़ा माल, सर्री, कजरवाड़ा, गौंझी, बीजेगांव, धनौरा, गौराछापर, वल्लभडुंगरिया, जैदेपुर, बिचुआ, डिठौरी, डोभी, झिरिया, बंधा, चीचगांव, करेगांव, जामगांव, ईश्वरपुर, इन्द्री, सिलवानी, जहरमउ, भोंगाद्वार, सिमरिया, सुरखी, सारा, मोहगांव के मोहगांव, रमपुरी, गिठार, मुंगवानी, पंछीपानी, पातादेई, बोड़ासिल्ली, मचला, मिर्चाखेड़ा, पिपरिया, गोहदर, खर्राछापरमाल, खर्राछापर रैयत, बिलगांव निधानी, बिलगढ़ा रैयत, उढ़ारी, दुपटा, रमपुरी रैयत, घुघरी के घुघरी, छतरपुर, गजराज, बनेहरी, नाहरवेली, जुनवानी, गोरखपुर, लाटो, महली, लाफन, ईश्वरपुर, सुरेहली, बिछिया के हर्राभाट, केवलारी, मवई के दाड़ी, भानपुर, करेली, टिकरिया, खलौड़ी, मोतीनाला, खुदराही, पनारीखेड़ा, नेवसा, नवनादर, मंगली, खुर्सीपार, मुरकुटा, भीमडोंगरी, मनोरी, परसाटोला, बरई, रुसा तथा बीजाडांडी के सोधनपिपरिया, जमुनिया, उदयपुर, जेबरा, डुंगरिया, पौड़ी में मच्छरदानी का वितरण किया जाएगा।
मच्छरदानी वितरण के समय आवश्यक है कि हितग्राही अपने समग्र आई.डी. या अन्य परिवार पहचान आई.डी. वितरण कर्मचारियों को उपलब्ध कराएं, ताकि वास्तविक संख्या के आधार पर मच्छरदानी वितरित किया जा सके। दवायुक्त मच्छरदानी हमें वाहक जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया आदि से सुरक्षा प्रदान करने के साथ मच्छरों एवं अन्य जहरीले कीटों से सुरक्षा प्रदान करती है। साधारण मच्छरदानी की तुलना में दवायुक्त मच्छरदानी शरीर में स्पर्ष होने पर कुछ समय के लिए जलन हो सकती है लेकिन यह किसी भी तरह से मनुष्य के लिए हानिकारक नहीं है और न ही इससे छोटे बच्चे को कोई नुकसान होता है। परिवार में छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, वृद्धजनों को यह मच्छरदानी आवश्यक रुप से उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
वाहक जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, जापानीज एनसेफेलाइटिस संक्रमित मच्छर के काटने से फैलाया जाता है। इस हेतु यह आवश्यक है कि संक्रमित मच्छर और मनुष्य के बीच के संपर्क को रोकने एवं बीमारी के फैलाव को कम करने के लिए वितरण किए जा रहे दवायुक्त मच्छरदानी (एल.एल.आई.एन.) का उपयोग निर्देशानुसार किया जाए। समस्त हितग्राहियों से अपील की गई है कि सोते समय दवायुक्त मच्छरदानी का उपयोग आवश्यक रुप से करें एवं मच्छरदानी वितरण कार्य में सहयोग प्रदान करें।
क्या करें
घर के अन्दर अथवा बाहर सोते समय हमेशा कीटनाशक उपचारित (दवा वाली) मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। मच्छरदानी के चारों कोनों की रस्सी को अच्छी तरह से बांध कर रखें और इसके निचले हिस्से को गद्दे या चटाई के नीचे दबा दें। लगाते समय इसे अधिक खिचाव से न लगावें। इस्तेमाल के बाद कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी को ठीक से तह लगाकर साफ स्थान पर रखें। अत्यधिक गंदा होने पर कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी को सादे और साफ पानी में हल्के से रगड़कर धोयें। हल्का धोने के बाद इसे छांव में सुखाएं। आग से दूर रखें एवं कटने, फटने व जलने से बचावें।
क्या न करें
कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी को धूप में न सुखाएं। इसे धोने के लिए गर्म पानी अथवा ब्रश का इस्तेमाल न करें। इसे धोने के लिए पत्थर पर न पटकें। धोने के बाद न निचोंडें। कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी का उपयोग मछली पकड़ने के लिए न करें। कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी को न बेंचे और न की उपहार में दें। मच्छरदानी का उपयोग खाद्य सामग्री ढकने, सुखाने जैसे अन्य कार्य में नहीं किया जावे।