मुख्यमंत्री की पहल पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एनसीसी कैडेट्स को दिये गये 6 लाख 25 हजार रूपए के पुरस्कार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह 2024 में शामिल एनसीसी कैडेट्स को किया संबोधित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मानव जीवन भाग्य से मिलता है और भाग्य को सौभाग्य में बदलने का रास्ता एनसीसी से प्राप्त होता है। भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है। इसमें जल, वायु, थल सेना की संख्या मात्र साढ़े तेरह लाख है और इन साढ़े तेरह लाख जवानों पर पूरा देश अपनी सुरक्षा का विश्वास करता है। हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है। सेना की इस गौरवशाली परम्परा से जुड़ने का मार्ग एनसीसी से निकलता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह 2024 के अवसर पर लगे कैम्प में शामिल हुए राष्ट्रीय कैडेट्स कोर के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ निदेशालय के प्रतिभागियों को आज मुख्यमंत्री निवास परिसर में संबोधित कर रहे थे। डॉ. यादव ने कहा कि घुड़सवारी में 6 पदक जीतना महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कैडेट्स द्वारा अर्जित की गईं उपलब्धियाँ सराहनीय हैं। सभी कैडेट्स बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपलब्धियां प्राप्त करने वाले कैडेट्स को सम्मानित भी किया। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा 6 लाख 25 हजार रूपए के पुरस्कार के रूप में चैक भी प्रदान किए गए।
एनसीसी का ध्येय वाक्य एकता, अनुशासन और संगठन के प्रति समर्पण है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एनसीसी के कार्यक्रम में भाग लेना अपने परिवार में आने के समान है। मैं स्वयं शाला स्तर पर एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूँ। कैडेट्स द्वारा अर्जित की गईं उपलब्धियाँ उनकी प्रतिबद्धता की परिचायक हैं। मुझे विश्वास है कि कैडेट्स अगले वर्ष प्रथम स्थान का लक्ष्य रखकर परिश्रम के साथ निरंतर प्रयास करेंगे। एनसीसी का ध्येय वाक्य एकता, अनुशासन और संगठन के प्रति समर्पण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इन उद्देश्यों के साथ कार्य करना हम सबको गौरव और आत्म-सम्मान प्रदान करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दीपावली का पर्व सीमा पर खड़े सेना के जवानों के साथ मनाकर अद्भुत आदर्श प्रस्तुत किया है।
गणतंत्र दिवस का एनसीसी कैम्प जीवनभर याद रहता है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है। हमें आगे कई लक्ष्य प्राप्त करने हैं। एनसीसी के माध्यम से देश के सभी युवा प्रेरणा पाएं। गणतंत्र दिवस शिविर के दौरान 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के कैडेट्स के साथ बिताया समय जीवनभर की यादों की धरोहर बनता है। अलग भाषा, अलग प्रदेश फिर भी अपना एक देश, इस भिन्नता के बाद भी देश की एकता और आत्मीयता का अनुभव ऐसे शिविरों में ही होता है।
मानवता मूल्यों की स्थापना में देश की विशिष्ट पहचान है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्व में मानवता के मूल्यों की स्थापना करने में हमारे देश की विशिष्ट पहचान है। हम वसुधैव कुटुम्बकम के विचार को मानकर पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। स्वामी विवेकानंद ने कहा था 21वीं शताब्दी भारत की होगी और वर्तमान में भारतीय, विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों से विश्व को हमारे देश की प्रतिभा और सक्षमता का परिचय करा रहे हैं।
युवा पीढ़ी और एनसीसी जैसे संगठनों के बल पर देश निरंतर प्रगति करेगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इस नाते बहुत सी चुनौतियां भी विद्यमान हैं। युवा पीढ़ी और एनसीसी जैसे संगठनों के बल पर देश निरंतर प्रगति करेगा। एनसीसी में मिलने वाला प्रशिक्षण कैडेट्स की सफलता का आधार होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीएम बैनर 2023-24 के विजेता भोपाल समूह को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) सीएम बैनर 2023-24 के विजेता ‘भोपाल समूह’ को सीएम बैनर से सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ निदेशालय के अंतर्गत 6 ग्रुप भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रायपुर शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाले कैडेट्स को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
एनसीसी कैडेट्स ने दीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा तथा परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह उपस्थित थे। मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ निदेशालय के अपर महानिदेशक मेजर जनरल अजय कुमार महाजन ने मध्य प्रदेश छत्तीसगढ निदेशालय की उपलब्धियों और एनसीसी अंतर ग्रुप सीएम बैनर 2023-24 में भोपाल ग्रुप के प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए अर्जित उपलब्धियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में एनसीसी के कैडेट्स ने गणगौर नृत्य, समूह गीत प्रस्तुत किए तथा अपने अनुभव भी सुनाए।