नयी दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव, श्री एस. कृष्णन (आईएएस) ने 16 अक्टूबर 2023 को नाइलिट की 26वीं अखिल भारतीय निदेशक बैठक के दौरान नाइलिट, गोरखपुर में रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) लैब का उद्घाटन किया। अत्याधुनिक आरपीए प्रयोगशाला का निर्माण एमईआईटीवाई द्वारा वित्तपोषित फ्यूचर स्किल प्राइम परियोजना के अंतर्गत किया गया है, जिसका उद्देश्य आरपीए की उभरती हुई तकनीक में जनशक्ति को कौशल प्रदान करना है। यह फ्यूचर स्किल प्राइम परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली प्रयोगशाला है, जिसे उद्योग एवं शिक्षा के बीच की खाई को पाटने के लिए स्थापित किया गया है। एमईआईटीवाई के सचिव ने कहा कि यह अत्याधुनिक आरपीए प्रयोगशाला देश को एक वैश्विक प्रौद्योगिकी पावरहाउस में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। उन्होंने डेटा एंट्री और सत्यापन जैसे दोहराव को समाप्त करने, मैनुअल प्रक्रियाओं को स्वचालित बनाकर नागरिकों के लिए सेवाओं में सुधार लाने की प्रक्रिया में आरपीए की भूमिका पर भी बल दिया, जिससे लिपिक त्रुटियों और प्रतिक्रिया समय में कमी लायी जा सके। उन्होंने औपचारिक और अनौपचारिक डिजिटल कौशल के बीच की खाई पाटने में नाइलिट की भूमिका पर बल दिया और सुझाव दिया कि स्थानीय उद्योगों के साथ-साथ वैश्विक कंपनियों के लिए कुशल जनशक्ति तैयार करने के लिए नाइलिट को उत्तर प्रदेश के युवाओं को कुशल बनाने की दिशा में काम करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र में, विशेष रूप से नाइलिट द्वारा उद्योग 4.0 में कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला और डिजिटल कौशल के माध्यम से स्थानीय उद्यमियों को तैयार करने में नाइलिट के मध्यवर्तन का समर्थन किया। नाइलिट केंद्र, गोरखपुर में 16 और 17 अक्टूबर, 2023 को आयोजित नाइलिट की दो दिवसीय 26वीं अखिल भारतीय निदेशक बैठक को एमईआईटीवाई के सचिव श्री एस. कृष्णन (आईएएस) ने संबोधित किया। इस बैठक में पूरे देश के सभी 49 नाइलिट केंद्रों के कार्यकारी निदेशकों, निदेशकों और प्रभारी निदेशकों ने हिस्सा लिया। अखिल भारतीय निदेशक बैठक का उद्देश्य केंद्रों की उपलब्ध क्षमताओं और संसाधनों का उपयोग करना और देश की डिजिटल कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में सामूहिक प्रयास करना और योजनाएं तैयार करना है। निदेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए, एमईआईटीवाई के आर्थिक सलाहकार, श्री कुंतल सेनसारमा ने नाइलिट के प्रयासों और आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों और गैर-औपचारिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति और पूर्वोत्तर क्षेत्र और कठिन क्षेत्रों में तालमेल स्थापित करने में इसकी भूमिका की सराहना की। कार्यक्रम के दौरान, प्रोफेसर पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू गोरखपुर और डॉ एम.एम. त्रिपाठी, महानिदेशक, नाइलिट ने गोरखपुर क्षेत्र में रोजगार-उन्मुख पाठ्यक्रमों और भविष्य के कौशल प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण का संचालन करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए, जो छात्रों को आईईसीटी क्षेत्र में उद्योग के लिए तैयार करेगा। डीडीयू में 350 से ज्यादा कॉलेज और 3 लाख छात्र हैं। यह एमओयू उन्हें आईईसीटी क्षेत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर इंटर्नशिप और कार्यक्रमों के साथ-साथ पूर्वांचल के युवाओं को कौशल प्रदान करने में मदद करेगा, जो तुलनात्मक रूप से आर्थिक मामलों में कमजोर हैं और इससे उनकी रोजगार क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। डीडीयू ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है और नाइलिट के साथ सहयोग विश्वविद्यालय के साथ-साथ छात्रों और संकाय सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के वातावरण में सीखने में मदद करेगा। डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी, महानिदेशक ने कहा कि नाइलिट आईईसीटी उद्योगों और संबद्ध क्षेत्रों के प्रशिक्षण, परामर्श, डिजाइन और उत्पाद विकास की आवश्यकातों को पूरा करता है। उन्होंने कौशल विकास लक्ष्य की प्राप्ति और नाइलिट केंद्रों के कार्य-निष्पादन को बढ़ाने के लिए योजना और रूपरेखा पर चर्चा की। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के सीईओ अनुज मलिक ने गीडा में नाइलिट का एक कौशल केंद्र स्थापित करने के लिए नाइलिट गोरखपुर के निदेशक डॉ. डी.के. मिश्रा के साथ रुचि अभिव्यक्ति (ईओआई) साझा किया, जिसमें गीडा पांच वर्षों के लिए नि:शुल्क निर्मित स्थल और भूमि की पेशकश करेगा। नाइलिट अत्याधुनिक सुविधा स्थापित करेगा जो इस क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के अवसरों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह दृष्टिकोण तकनीकी उत्कृष्टता, नवाचार को बढ़ावा देगा और स्टार्टअप को पोषित करके उद्यमिता को बढ़ावा देगा। यह गीडा के उद्योगों के लिए कुशल जनशक्ति की मांग को भी पूरा करेगा।