एआई से हुई आसानी : पुलिस के अनुसार ठग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं। एआई में बहुत सारे विकल्प हैं, जिनसे आसानी से किसी भी फोटो-वीडियो को टेंपर किया जा सकता है। एआई में टेंपर वीडियो या फोटो में यह पहचान पाना मुश्किल हो जाता है कि वह असली है या टेंपर किया हुआ है। क्योंकि यह बिलकुल असली लगता है।
सोशल मीडिया में फोटो-वीडियो, खासतौर पर बच्चों और युवतियों के क्लोज फोटो और वीडियो धड़ल्ले से शेयर करना और इन्हें सार्वजनिक करना खतरनाक हो रहा है। साइबर ठग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर ऐसे फोटो-वीडियो से चेहरा अलग कर इसे गलत तरह के वीडियो-फोटो में सफाई से मार्फिंग कर रहे हैं और ब्लैकमेल भी करने लगे हैं। देशभर के राज्यों में इस तरह के मामले आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में ऐसे मामले इक्का-दुक्का हैं, लेकिन अपराध के ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए साइबर पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है। साइबर अपराधियों ने हाल में एक-दो मामले में डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) से फोटो निकालकर उसकी मार्फिंग कर दी है। फोटो, वीडियो ही नहीं, दस्तावेजों में भी मार्फिंग बेहद अासानी से हो रही है। इसमें महिलाओं और बच्चों की तस्वीरें ही टारगेट हैं। कुछ अरसा पहले प्रदेश के बीजापुर में ऐसी वारदात हुई थी। साइबर पुलिस के पास ऐसी शिकायतें पहुंच रही हैं। इनमें ऐसे ही लोग निशाने पर हैं, जो सोशल मीडिया पर बार-बार स्टेटस बदल रहे हैं, डीपी अपलोड कर रहे हैं या सार्वजनिक (प्राइवेट नहीं) रूप से अपने पर्सनल फोटो और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। ठग सोशल मीडिया से ही ऐसे लोगों के नंबर निकाल रहे हैं, फिर क्लोज फोटो को क्रिमिनल्स सॉफ्टवेयर या एआई का दुरुपयोग कर टेंपरिंग कर रहे हैं।
अश्लील वीडियो से ठगी : राजस्थान में भरतपुर के एक गिरोह की पहचान हुई है, जिसने कई लोगों को उन्हीं के सोशल मीडिया अकाउंट्स से उठाए फोटो के जरिए अश्लील फोटो-वीडियो बनाकर ब्लैकमेल िकया है। इसी गिरोह ने लड़कियों की डीपी लगाकर लोगों को वीडियो कॉल किए, फिर अश्लील वीडियो चलाकर इसे देखता हुआ उनका वीडियो रिकार्ड किया और ब्लैकमेल किया।
एनसीआरबी की निगरानी : नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक टीम सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म की निगरानी रखती है और बच्चों के शेयर किए गए अश्लील वीडियो, फोटो या मीम का डेटा निकालकर संबंधित राज्य को कार्रवाई के लिए भेज रही है। रायपुर पुलिस ने पिछले साल 70 से ज्यादा चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस दर्ज किए थे। इस साल भी 25 से ज्यादा एफआईआर हैं।
सोशल मीडिया में यह सतर्कता बरतें
• अकाउंट को प्राइवेसी, सिक्योरिटी विकल्प से सुरक्षित रखें।,
• बच्चों और खुद की क्लोजअप फोटो-वीडियो पोस्ट न करें।
• वीडियो-फोटो प्राइवेट करें, इसे पब्लिक पोस्ट करने से बचें।
• परिचित को ही टैग कर पोस्ट करें। वन व्यू कर शेयर करें।
• पीडीएफ पासवर्ड के साथ शेयर करें, डीपी भी कम बदलें।
• अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती करने से बचें।
साइबर एक्सपर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफार्म में क्लोज वीडियो-फोटो पोस्ट करने के मामले में बच्चों और महिलाओं को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि ठग मार्फिंग तथा नई तकनीकों से इनका दुरुपयोग कर ब्लैकमेल कर सकते हैं .