अमेरिका के एक हजार स्कूलों में हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू होगी
अमेरिका के स्कूलों में हिंदी भाषा की पढ़ाई के लिए राह खुलनी शुरू हो गईं है। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के संगठन एशिया सोसायटी (एएस) और इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट (आईएआई) से जुड़े 100 से अधिक जनप्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति बाइडेन को इस बारे में प्रस्ताव सौंपा है। इसमें 816 करोड़ रुपए के फंड से एक हजार स्कूलों में हिंदी की पढ़ाई शुरू होगी। संभावना है कि बाइडेन का भारत के प्रति सकारात्मक रुख और अगले साल राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। अगले साल सितंबर से हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू हो सकती है। एएस और आईएआई ने हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू करने पर शिक्षकों की व्यवस्था करने और कोर्स के गठन में मदद का आश्वासन दिया है। प्राथमिक कक्षाओं से शुरू होने वाली हिंदी की पढ़ाई में हिंदी को अंग्रेजी के बाद दूसरी भाषा के रूप चुनने का विकल्प होगा। अमेरिका में रहने वाले लगभग 45 लाख भारतवंशियों में से हिंदी सर्वाधिक नौ लाख से ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भारतीय भाषा है।
अमेरिका में अभी दूसरी भाषा के रूप में ज्यादातर स्कूलों में स्पेनिश पढ़ाई जाती है। नॉर्थ कैरोलीना के व्हिप जय चौधरी का कहना है कि पूर्व में अमेरिका को स्पैनिश बोलने वाले देशों में आर्थिक हितों के लिए ऐसी पीढ़ी तैयार करनी थी जो स्पैनिश समझ सके। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। इस दशक के अंत तक भारत तीसरी आर्थिक शक्ति होगा। ऐसे में अमेरिका का ये लक्ष्य होना चाहिए कि स्कूलों से हिंदी पढ़कर निकलने वाली एक ऐसी पीढ़ी आए जिसमें भारत के प्रति बेहतर समझ हो। स्पैनिश बोलने वाले देश अब आर्थिक रूप से सफल नहीं हैं। हिंदी जानने वाले अमेरिकी युवाओं के लिए भारत के मैन्युफैक्चरिंग, कृषि और आईटी सेक्टर में आने वाले वर्षों में संभावनाएं बढ़ेंगी।
अमेरिका में भारतीयों की बहुलता वाले न्यू जर्सी, टेक्सास, न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया राज्यों में हिंदी पढ़ाने वाले लगभग 10 स्कूल हैं। न्यू जर्सी में ऐसा स्कूल चलाने वाले बिशेन अग्रवाल का कहना है कि 5 से 16 साल की उम्र वाले बच्चों को शनिवार को हिंदी पढ़ाई जाती है। तीन चरणों का कोर्स तय किया गया है- शुरुआती, माध्यमिक और उच्चतर स्तर। बीस साल पहले तक अमेरिका में हिंदी पढ़ाने वाला कोई भी स्कूल नहीं था। हिंदी स्कूलों में बच्चों का नामांकन भी बढ़ा है। दो साल पहले न्यूजर्सी में 9 बच्चे हिंदी पढ़ते थे जो अब 250 हो गए हैं।
हाई स्कूल स्तर पर हिंदी की पढ़ाई के कोर्स से फायदा नहीं मिल रहा : अमेरिका में अभी हाई स्कूल स्तर पर हिंदी की पढ़ाई के कोर्स चल रहे हैं। इसमें हिंदी की बेसिक पढ़ाई ही कराई जाती है। इंडिया इम्पैक्ट के अध्यक्ष नील मखीज का कहना है कि बच्चों में जब शुरुआती कक्षाओं से ही हिंदी नहीं पढ़ाई जाएगी तो अचानक हाई स्कूल स्तर पर हिंदी भाषा का विकल्प होने पर भी बच्चों को भाषा के प्रति समझ ही पैदा नहीं हो पाती है। अब हिंदी को प्राथमिक कक्षाओं से शुरू करने का बच्चों को फायदा मिल सकेगा।