भोपाल । प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी पढ़ाई जाएगी। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही है। कांग्रेस ने इस कदम को फ्रीडम फाइटर्स का अपमान बताया है। मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, वीर सावरकर हमारे उन महान क्रांतिकारियों में से एक है जिनको एक जन्म में दो – दो आजीवन फाइटर्स के कारावास की सजा हुई। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वे पहले लेखक हुए, जिन्होंने 1857 के आंदोलन को स्वतंत्रता संग्राम कहा। मंत्री ने कहा, भारत की आजादी में उनका अभूतपूर्व योगदान है, इसलिए, उनको हर जगह सम्मान मिलना चाहिए। दुर्भाग्य से इस देश में कांग्रेस की सरकारों ने भारत के महान क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी। श्री परमार ने कहा कि हम सही महापुरुषों की जीवनी को सिलेबस में जोड़ेंगे। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, स्कूल के सिलेबस में सावरकर को किस हैसियत से शामिल करना चाहते हैं, यह बड़ा सवालिया निशान है। यह बहुत अफसोसजनक है। हमने जो पढ़ा है, उसमें सावरकर की कहीं कोई पृष्ठभूमि स्वतंत्रता संग्राम में नजर नहीं आती। उनके कई पत्र पढ़े, अनेक बार सोशल मीडिया पर पत्र आ चुके हैं, जिसमें उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांग ली। ऐसे व्यक्ति का इतिहास पाठ्यक्रम में जोड़ना शर्मनाक है।