कपिल वर्मा ….
एमपी में नर्मदा नदी पर प्रस्तावित एक बांध का सर्वे करने आई टीम को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। ग्रामीण बांध बनाने का विरोध कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को करीब 3 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। बाद में लिखित आश्वासन पर उन्हें छोड़ा।
मामला मंडला जिले का है। जहां ओढ़ारी गांव में नर्मदा नदी पर बसनिया बांध प्रस्तावित है। शुक्रवार को इसी बांध के सर्वे के लिए एक टीम पहुंची थी। जिसे ओढ़ारी और बिलगढा में ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। ग्रामीण कलेक्टर समेत वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे।
सूचना मिलने पर नर्मदा घाटी विकास विभाग और मोहगांव पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाया, उन्हें लिखित आश्वासन दिया। निवास विधायक डॉक्टर अशोक मर्सकोले ने भी ग्रामीणों से फोन पर बात की, तब जाकर करीब 3 घंटे बाद उन्होंने सर्वे करने आई टीम को छोड़ा।
प्रस्तावित बांध को रद्द करने की मांग
ग्राम ओढ़ारी में नर्मदा नदी पर प्रस्तावित बसनिया बांध बनने से मंडला और डिंडौरी जिले के 31 गांव डूब में आएंगे। 2700 से अधिक परिवार विस्थापित होंगे। इसी वजह से ग्रामीण प्रस्तावित बसनिया बांध का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रस्ताव को रद्द किया जाए।
सर्वे टीम को देख गुस्साए ग्रामीण
स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को ग्राम ओढ़ारी और बिलगढ़ा के नजदीक अनजान व्यक्तियों को मशीन लेकर नदी के पास जंगल में सर्वे करते हुए देखा। नजदीकी गांवों में ये खबर फैली कि बसनिया बांध का सर्वे शुरू हो गया। गुस्साए ग्रामीणों ने सर्वे टीम को घेर लिया और बंधक बना लिया। वे इस टीम से कार्य आदेश की कापी मांग रहे थे और पूछ रहे थे कि आप किसके आदेश से यह कार्य कर रहे हैं। उनसे संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिलने पर ग्रामीण उन्हें गांव ले आए। इस दौरान आस-पास के प्रभावित गांव ओढ़ारी, चिमका टोला, दुपट्ट, रमपुरी, धनगांव आदि गांव के लोग भी एकत्र हो गए।
अधिकारियों से मांगा लिखित आश्वासन
ग्रामीणों ने बताया कि सर्वे टीम में शामिल आनंद वर्मा नामक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि यह सर्वे एएसआरसी कंपनी हैदराबाद की ओर से कराया जा रहा है। घटना की जानकारी प्रशासन एवं पुलिस को दी गई, जिसके बाद मौके पर मोहगांव थाना प्रभारी विजय सिंह ठाकुर अपनी टीम सहित पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया परंतु ग्रामीण कलेक्टर सहित वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे।
इसके बाद नर्मदा घाटी विकास विभाग मंडला के प्रभारी मूलचंद मरावी सहित अन्य मौके पर पहुंचे, उन्होंने ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक डॉ.अशोक मर्सकोले से भी फोन में चर्चा की। बसनियां बांध से संबंधित सभी कार्य रोकने की बात कही। ग्रामीण लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे।
ग्रामीणों की अनुमति के बिना नहीं होगा कोई कार्य
नर्मदा घाटी विकास के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच हुई बातचीत के बाद अधिकारियों ने ग्रामीणों को लिखित तौर पर आश्वासन दिया कि ओढ़ारी, बसनिया बांध के सर्वे एवं निर्माण कार्य के संबंध में ग्रामीणों की अनुमति के बिना कोई भी प्रवेश नहीं करेगा एवं सर्वे कार्य भी नहीं होगा। इससे संबंधित कोई भी कार्य चोरी छिपे नहीं किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति कार्य करने आता है तो जिम्मेदारी विभाग की होगी। अधिकारियों के लिखित आश्वासन देने के बाद ग्रामीण शांत हुए और उन्होंने बंधकों को छोड़ दिया।
ये रहे उपस्थित
इस दौरान कौआडोंगरी सरपंच हरदयाल भवेदी, धनगांव सरपंच फूलचंद पट्टा, बड़झर सरपंच सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। घटनास्थल पर थाना प्रभारी मोहगांव विजय सिंह ठाकुर अपनी टीम के साथ उपस्थित थे।
बसनिया बांध को निरस्त करने की मांग, विरोध में निकाली रैली : प्रस्तावित बसनिया बांध का विरोध करने मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण मंडला जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने रैली निकाली और नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने बांध को निरस्त किए जाने की मांग करते हुए राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। दरअसल मंडला जिले की घुघरी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बढझर के ग्राम ओढारी में नर्मदा नदी पर बसनिया बांध प्रस्तावित है। बांध की वजह से मंडला और डिंडौरी जिले के कई गांव डूब में आएंगे, इस वजह से होने वाले विस्थापन का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।