मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के आवासहीन लोगों को मिलेंगे आवासीय भूखंड प्रदान किए जाएंगे। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रत्येक परिवार को न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताओं के साथ प्रतिष्ठापूर्ण जीवन यापन करने का अधिकार है। केन्द्र अथवा राज्य की आवासीय योजनाओं का हितग्राहियों को आवास भू-खण्ड प्राप्त होने पर ही वास्तविक रूप से लाभ प्राप्त हो सकता है। आवासीय भू-खण्ड प्राप्त होने पर शासकीय याजनाओं एवं बैंक से आवास ऋण में प्राप्त करने में सहायता हो सकती है। अतः राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में ’आबादी क्षेत्र’ की भूमि पर पात्र परिवारों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराने के लिये ’मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना’ प्रारम्भ की जा रही है। यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों के आवासहीन लोगों के लिये है।
पात्रता
आवेदक परिवार के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिये आवास नही है। आवेदक परिवार के पास 5 एकड़ से कम भूमि है। आवेदक परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) दुकान से राशन प्राप्त करने के लिये पात्रता पर्ची धारित करता, आवेदक परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता नही है। आवेदक परिवार को कोई भी सदस्य शासकीय सेवा में नही है। आवेदक का नाम उस ग्राम में जहां वह आवासीय भू-खण्ड चाहता है 1 जनवरी 2021 तक की मतदाता सूची में नाम दर्ज है।
प्रक्रिया
आवेदक द्वारा आवसीय भू-खण्ड प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन आवेदन एसएएआरए पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा। उक्त प्रस्तुत आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव एवं पटवारी को परीक्षण प्रतिवेदन प्रेषित किया जायेगा। ग्राम पंचायत के सचिव एवं पटवारी द्वारा आवेदन की जांच कर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार प्रारंभिक, परीक्षण कर पात्र, अपात्र आवेदकों की सूची तैयार की जाएगी। पात्र, अपात्र परिवारों की ग्राम पंचायतवार सूची संबंधित ग्राम के निवासियों से आपत्तीयां या सुझाव आमंत्रित किये जाने हेतु प्रकाशित की जायेगी। सूचना चौपाल, गुडी, चावडी आदि सार्वजनिक स्थलों तथा ग्राम पंचायत कार्यालयों में चस्पा की जायेगी। तहसीलदार सूचना में विनिर्दिष्ट तारीख और स्थान पर आपत्तियों और सुझाव का परीक्षण करेगा और पात्र, अपात्र आवेदकों की सूची तैयार करेगा। तहसीलदार पात्र, अपात्र आवेदकों की सूची ग्राम सभा के अनुमोदन हेतु प्रेषित करेगा जो ग्राम सभा द्वारा अनुमोदन कर तहसीलदार को विचारार्थ प्रेषित की जाएगी। जिस पर तहसीलदार आवंटन हेतु आदेश पारित करेगा।