प्रियंका मिश्रा, ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषां सूर्यादि ग्रहाणां बोधकं शास्त्रम अर्थात् ग्रह और समय का ज्ञान कराने वाले विज्ञान को ज्योतिष विज्ञान कहते हैं। एक तरह से यह मार्ग बताने वाला शास़्त्र है जिस शास्त्र मे संसार का ज्ञान, जीवन-मरण रहस्य और जीवन के सुख-दुख के संबंध मे ज्योति दिखायी दे, वही ज्योतिष शास्त्र है। ज्योतिष हमारे देश का प्राचीन एवं महत्वपूर्ण विज्ञान है, ज्योतिष का उददेश्य हमारा भविष्य बताना नहीं बल्कि भविष्य बनाना है। हमे अपने पुराणो से पता चलता है कि प्राचीन समय मे हर कार्य के लिए ज्योतिष का प्रयोग किया जाता था। लेकिन अभी कुछ समय के लिए ज्योतिष का उपयोग, केवल विवाह, संतान, व्यापार, तक ही सीमित हो गया है। मुझे लगता है कि जो कि सही नहीं है, ज्योतिष इतना अच्छा विज्ञान है जिसकी सहायता से हम जीवन के हर पहलू के बारे मे जानकारी प्राप्त कर सकते है, ज्योतिष को केवल दो तीन विषयो तक सीमित ना रखें, उन्ही महत्वपूर्ण पहलू मे से एक है स्वास्थ्य। मनुष्य के जीवन मे सबसे महत्वपूर्ण सुख मे से एक सुख है, निरोगी काया। लेकिन वर्तमान समय मे व्यक्ति बिलकुल स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे रहा है, वो दिन-रात धन की प्राप्ति मे लगा रहता है।
वर्तमान परिवेश को देखते हुए मैं ज्योतिष के एक महत्वपूर्ण भाग मेडिकल एस्टोलॉजी के विषय मे बात कर रही हॅू। मेडिकल एस्टोलॉजी मे कुण्डली के 12 भावो से शरीर के विभिन्न अंगो का अध्ययन करते हैं। हर ग्रह का भी शरीर के अलग-अलग अंगो पर प्रभाव रहता है तथा राशि को तत्वो के अनुसार विभाजित किया गया है। जब हम कुण्डली का अध्ययन करते हैं तो भाव, राशि एवं ग्रह सभी का अध्ययन करके यह पता कर सकते हैं कि शरीर के किस अंग से संबंधित परेशानी हो सकती है तथा वह परेशानी कितनी गंभीर हो सकती है, इसका पता दशा एवं गोचर से लगा सकते हैं। दशा एवं गोचर देखकर हम यह भी पता कर सकते हैं कि रोग किस समय हो सकता है।
मेडिकल एस्टोलॉजी की सहायता से तुरंत जन्मे हुए बच्चे की कुण्डली को देखकर उसकी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का पता लगा सकते हैं जिससे उसकी परवरिश मे कुछ परिवर्ततन कर उसके स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर या कम कर सकते हैं।
‘‘ग्रह और उनसे संबंधित रोग’’
सूर्य हदय, पेट, पित्त, दायी आंख, जलने वाले घाव, रक्त प्रवाह मे बाधा।
च्रंद रक्त, बायी आंख, दिमागी बीमारी, महिलाओ से संबंधित बीमारी।
मंगल सिर,जानवरो द्वारा काटना, दुर्घटना, ऑपरेशन, उच्च रक्तचाप, गर्भपात।
बुध गला, नाक, कान, फेफड़े, आवाज, बुरे सपने।
गुरू यकृत, शरीर मे चर्बी, मधुमेह, ।
शुक्र मधुमेह, पथरी, आंते।
शनि पैर, नसे, लकवा, उदासी, थकान।
राहु हडिडया।
केतु हकलाना, पहचानने मे समस्या।