27.2 C
Mandlā
Monday, November 11, 2024
The viral
Homeपाठक मंच - पत्रजीवन के लिए प्रेम औषधि है...

जीवन के लिए प्रेम औषधि है…

जब भी हमारे परिवार, समाज और राष्ट्र पर

विपदाएँ अपने भयानक रूप में परिलक्षित होती हैं

तो वह क्या है? जिसके वशीभूत होकर

हम एक दूसरे के लिए दौड़ने लगते हैं

एक दूसरे को पुकारते हैं, एक दूसरे का हाथ पकड़ते हैं

एक दूजे की सहायता करते हैं, भरसक मदद करते हैं

एक दूसरे के लिए अपना जीवन दाँव पर लगा देते हैं

अपने माँ बाप भाई बहन के प्रति

अपने पत्नी व बच्चों के लिए 

तन मन धन से समर्पित रहते हैं

अपने मित्रों व रिश्तेदारों के लिए

समाज व राष्ट्र के लिए जान न्यौछावर करते हैं

हम बहुत कुछ करने के लिए तत्पर रहते हैं

जाड़ा गर्मी बरसात में एक पैर पर खड़े रहते हैं

रात या हो दिन हम अपना जी जान लगा देते हैं

वह और कुछ नहीं सिर्फ एक शब्द ‘प्रेम’ है

उसी प्रेम के चुम्बकीय आकर्षण से 

हम एक दूसरे से बँधे रहते हैं

हम सब प्रेम में जीते रहते हैं

वह सच में प्रेम ही है… 

जो हम मानवीय व्यवहार करते हैं

प्रेम जिस दिन खत्म हो जाएगा

माँ पिता भाई बहन पत्नी बेटा बेटी

का यह प्यारा सा रिश्ता मिट जाएगा

मनुष्य जड़ समान हो जाएगा

आदमी और जानवर में फर्क न रह जाएगा

जब तक प्रेम है तब तक यह सृष्टि सुंदर है

रंग बिरंगे फूल अच्छे लगते हैं

पक्षियों का चहचहाना, बच्चों का मुस्कराना

रंग बिरंगी तितलियों का फूलों पर मंडराना

फसलों का लहलहाना, मेघों का बरस जाना

बच्चों का खिलौनों के साथ खेलना

प्रकृति का सौंदर्य जिसे हम निहारते हैं

सब प्रेम के कारण नजर आते हैं

हमें प्रेम को जिंदा रखना है

जीवन को जीने के प्रेम औषधि है

हमें परिवार, समाज और राष्ट्र से प्रेम करना है

प्रेम से जीवन के ख़ुशियों का संवरना है…

लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तवग्राम-कैतहा, पोस्ट-भवानीपुर , जिला-बस्ती 272124 (उत्तर प्रदेश)

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
The Viral Patrika

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!