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Thursday, February 6, 2025
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चमत्कारी प्रभु हनुमान: चार प्रहर में बदलते हैं तीन रूप

हर मन्नत होती हैं पूरी

रामायण में हनुमान जी के बारे में वर्णित है कि कभी वे मसक याने मच्छर के समान रूप धर लेते थे तो कभी इतने विकराल हो जाते थे कि उनका पार पाना मुश्किल हो जाता लेकिन आज हम राम भक्त हनुमान के ऐसे चमत्कार से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जहाँ बिराजे हनुमान 24 घण्टे में तीन बार अपना रूप बदलते हैं।
द वायरल की टीम के साथ आज आप करने जा रहे हैं चमत्कारी हनुमान जी के दर्शन जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सुबह कुछ और दोपहर को अलग और शाम के समय तीसरे रूप में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और इन अलग अलग रूपों को साफ साफ देखा जा सकता है,
मण्डला जिसे पुराने समय में महिष्मति नगरी के नाम से जाना जाता था, नर्मदा नदी की घाटी में बसा सुंदर और मनमोहक धार्मिक आस्था रखने वालों को यह शहर हमेशा से आकर्षित करता रहा है, मंडन मिश्र ने इसके तट पर जहाँ शंकराचार्य से शास्त्रार्थ किया था वहीं पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है लेकिन नर्मदा के पार बसे पुरवा क्षेत्र में एक चमत्कारिक मंदिर के उस रहस्य से आज हम आपका परिचय कराने जा रहे जिसे महसूस तो सभी करते हैं लेकिन आज तक इस रहस्य को कोई भी न सुलझा पाया।
पुरवा से करीब 5 किलोमीटर दूर है सूर्यकुंड धाम जहाँ का सूर्योदय बहुत खास होता है, जो इसलिए की इसकी सीधी किरणें हनुमानजी की मूर्ति पर पड़ती हैं और भक्त इस नजारे को देखने दूर दूर से यहाँ आते हैं लेकिन रहस्य सिर्फ इतना ही नहीं अभी हम जो आपको बताने और दिखाने जा रहे ऐसा नजारा बड़े से गेट को पार करते हुए जैसे जैसे हम सूर्यकुंड के मंदिर की तरफ बढ़ते हैं चारों तरफ का शांत वातावरण और इनके बीच पक्षियों का कलरव आपका स्वागत करता है,दोनों ओर लगाए गए व्रक्ष और तख्तियों पर लिखे धार्मिक वाक्य इस माहौल को और भी आस्था मय बना देता है ऐसे में मंदिर के प्रांगण में दाखिल होते ही मन अपने आप ही किसी महान सत्ता की तरफ नतमस्तक होने को आतुर हो उठता है। घण्टे की आवाज के बीच जब भक्त यहाँ बजरंगबली से किसी भी तरह की मन्नतें मांगते हैं वे जरूर पूरी होती हैं लेकिन कहा जाता है कि यह हनुमानजी दिन में तीन बार अपना रूप बदलते हैं सुबह के समय जब सूर्य की किरणें अपनी लालिमा बिखरती हैं तब ये बाल रूप में नजर आते हैं, जबकि 10 बजे से शाम तक इन्हें साफ तौर पर युवावस्था में देखा जा सकता है, वहीं साम 6 बजे के बाद से सूर्यकुंड में बिराजे हनुमान वृद्धावस्था में चले जाते हैं लोगों की मान्यता है कि आने वाले भक्तों को हनुमानजी के तीनों ही रूपों का दर्शन करना चाहिए जो स्पष्ट दिखाई देता है।

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