24.7 C
Mandlā
Friday, March 21, 2025
The viral

पोषण …


आखिर ये पोषण हैं क्या क्यों जरूरी है मानव शरीर में सहीं पोषण का होना पोषण एक जटिल प्रक्रिया है जिसकी शुरुआत भोजन लेने से उसके पाचन फिर अवशोषण उसके बाद उसके उपयोग की प्रक्रिया तक शामिल होती है। पोषण में ’पोषक तत्त्व’ ये वह रासायनिक जैविक पदार्थ जो हमें कार्य करने ऊतकों को मरम्मत शारिरिक वृद्धि मैं मदद करते हैं ‘पोषक’ के दो प्रकार होते है पहला कार्यात्मक दूसरा वृद्धि में सहायक होता है, एमिनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट, वसा, नाइट्रोजन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सोडियम क्लोराइड ये पोषक तत्व वृद्धि में जरूरी है आयरन कैल्शियम आयोडीन विटामिन कार्य के लिये आवश्यक होते है। कुछ पोषक तत्वों का संश्लेषण हमारे शरीर नहीं होता पर वो हमारे शरीर के लिये आवश्यक होते है उन्हें बाहर से लेना बहुत आवश्यक होता हैं इनकी आवश्यकता बहुत ही कम पर जरूरी होती हैं इस तरह एक स्वस्थ मानव शरीर मे प्रतिदिन 96 से भी ज्यादा पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं। इन्ही पोषक तत्वों की कमी या असन्तुलन से अलग अलगप्रकार की शारिरिक समस्या उतपन्न होती है। बदलती लाइफ स्टाइल और खाने की शैली इसके लिये महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं । ‘ पोषण का सही न मिलना ही कुपोषण को जन्म देता है’ कुपोषण एक सामान्य शब्द हैं जो असन्तुलन या आपर्यपत आहार के कारण चिकिसीय स्तिथियों मैं प्रयोग किया जाता है। अधिकांश ये आपर्यपत आहार खराब अवशोषण पोषक तत्वों के अत्यधिक छरण से अल्प पोषण को प्रदर्शित करता है। जो हमारे देश मंे देखने में सामने आता हैं जिसे कुपोषण या कुपोषित के नाम से जाना जाता है जिसमें बच्चों का शरीर सूख जाता है वजन कम लम्बाई कम वृद्धि में कमी देखी जाती है। इसके विपरीत अन्य देशों में कुपोषण पोषक तत्वों की अधिकता होने से होता है जिसमें मोटापा शामिल है। कुपोषण अल्पपोषण की कमी के 3 प्रकार हैं कम वजन, वेस्टिग, ठिगनापन कुपोषण के प्रमुख कारण संक्रमण , अपर्याप्त आहार, शिक्षा की कमी, माँ के आहार में कमी, देखभाल में कमी, सूखा या बाढ़ ये आपातकालीन स्थिति हैं जो बहुत ही कम जिम्मेदार है कुपोषण के लिये देश में बिहार, गुजरात, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मेघालय, मध्यप्रदेश इन राज्यों में कुपोषण का प्रतिशत ज्यादा है।

डायटीशियन रश्मि वर्मा
आप विगत 8 वर्षों से कुपोषण के क्षेत्र में आदिवासियों
के बीच कार्य कर रही है डाईटेशियन रश्मि वर्मा के द्वारा कुपोषण के क्षेत्र में 4000 से भी ज्यादा बच्चों को कुपोषण मुक्त करने में विशेष योगदान रहा है इसके साथ ही आप के द्वारा डायबिटीज, थायराइड लाइफ स्टाइल आदि बीमारियों में पोषण के महत्व खाने पीने की सलाह समय समय पर मरीजों को दी जा रही है ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
The Viral Patrika

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!