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तेज धूप से बचने में हौम्योपैथी है कारगर : डॉक्टर कल्पना कुशवाहा (मण्‍डला समाचार)

पहले से होम्योपैथिक दवा लेकर, धूप में जाने पर, लू लगने से बचा जा सकता है

गर्मी के दिनों में मौसम की आर्द्रता अधिक होने से (लू) लगना एक आम समस्या है (लू) को हीट स्टॉक भी कहा जाता है (लू) लगने से व्यक्ति के प्राण भी जा सकते हैं किसे साधारण ना समझें, बल्कि तुरंत उपचार कराना चाहिए।
होम्पैथिक दवाओं से न केवल लू से बचा जा सकता है बल्कि धूप में जाने से पहले होम्यपैथिक दवाओं का सेवन कर तेज धूप में जाने से (लू) से भी बचा जा सकता है

वरिष्ठ होम्यपैथिक चिकित्सक डॉ कुशवाहा ने बताया कि तेज धूप 12:00-3:00 दोपहर में घर से बाहर जाने पर वातावरण तापमान अधिक तथा शरीर में नमक और पानी की कम होने से, शरीर का आंतरिक संतुलन बिगड़ जाता है इसका सीधा असर मनुष्य के शरीर पर देखने को मिलता है।

इसके मुख्य लक्षण : तेज बुखार, बेचैनी, असहनीय सिरदर्द, पेशाब का ना होना, शरीर में जलन, मुँह और गले का सूखना, पैर के तलवों में जलन महसूस होना, पसीना आना, कमजोरी लगना, सांस लेने में तकलीफ, भ्रम की अवस्था, घबराहट होना, उल्टी होना, पतली दस्त, मनुष्य का बेहोश हो जाना।
जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं

(लू) से बचने के लिए क्या करें –

होम्याथिक उपचार :

डॉक्टर कल्पना कुशवाहा
वरिष्ठ होम्योपैथिक फिजिसियन
9329512974

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