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कम उपजाऊ भूमि के लिए वरदान है कोदो – कुटकी (मण्‍डला समाचार)

खारी एवं सलवा में आयोजित की गई कृषक संगोष्ठी

            मंडला विकासखंड के ग्राम खारी तथा घुघरी विकासखंड के सलवाह में कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को कोदो कुटकी, रागी, कंगनी और सांवा लघु धान्य फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक, जैविक खेती के बढ़ते महत्व तथा खरीफ पूर्व आवश्यक तैयारी के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। खारी में आयोजित किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उपसंचालक कृषि मधु अली द्वारा बताया गया कि मिलेट्स कम उपजाऊ भूमि के लिए वरदान है। कम लागत में किसान मिलेट्स का उत्पादन लेकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। औषधीय गुण होने के कारण अब कोदो कुटकी एवं अन्य लघु धान्य फसलों की मांग बढ़ती जा रही है और मांग अनुरूप किसानों को अच्छे दाम भी मिल रहे हैं।  उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि कोदो-कुटकी की खेती में उन्नत तकनीक, उन्नत किस्म के बीज का उपयोग तथा खेती में वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करें। प्रशिक्षण में उपसंचालक कृषि मधु अली, सहायक संचालक नेहा डेहरवाल, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी जेआर गजेंद्र, कृषि विस्तार अधिकारी रामकिशोर सैयाम, निधि, पुष्पा कोरचे उपस्थित थे।

कृषि में करें उन्नत तकनीक का उपयोग

            प्रशिक्षण में कृषकों को खेती में जैविक खाद का उपयोग, उन्नत प्रमाणित बीज की जानकारी और कतार बोनी की जानकारी दी गई। कोदो-कुटकी, रागी आदि मोटे अनाज की खेती में जैविक खाद का महत्व एवं उपयोग विधि के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण में कृषकों को अन्य खरीफ फसलों की फसल उत्पादन तकनीक और बारिश पूर्व तैयारियों, फसल बीमा, उन्नत यंत्रों की जानकारी एवं ऑनलाइन पंजीयन पर भी विस्तृत चर्चा की गई।                                                

उपसंचालक कृषि द्वारा किया प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण

            उपसंचालक मधु अली द्वारा महिष्मति फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा संचालित कोदो कुटकी प्रसंस्करण इकाई बम्होरी और बकोरी में स्थापित शिवम कोदो कुटकी प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण किया गया और आवश्यक निर्देश दिए गए।

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