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अब कर्ज लेने की नहीं आएगी नौबत

जांजगीर-चाम्पा (छत्तीसगढ़)।
अपने पति के रहते सुना बाई ने कभी सोचा भी न था कि उन्हें कभी कुछ रुपए के लिए मोहताज होना पड़ेगा। उनके पति जब तक जीवित थे। मजदूरी कर घर की हर जरूरतों को पूरी किया करते थे। एक दिन पति चल बसे। सुना बाई के ज़िन्दगी में मानों पहाड़ टूट पड़ा। अब भला वह क्या करती ? घर का खर्च चलाने के लिए उन्हें भी मजदूरी के लिए चाहरदीवारी से बाहर आना पड़ा। खुद की कोई खेती न थी। इसलिए गाँव में किसी और के खेत में काम कर मजदूरी से अपना गुजर बसर करती रही। लेकिन यह पर्याप्त न था। ऐसे में रुपए की जरूरतों के लिए किसी न किसी से कर्ज लेना पड़ता था। कुछ दिन पहले तक सुना बाई को कुछ इसी तरह परेशानी भरी और हाय तौबा के बीच जिंदगी काटनी पड़ रही थी। अब जबकि उनका नाम छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वपूर्ण योजना राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से जुड़ गया है तो विधवा सुना बाई की ज़िंदगी की कठनाई मानों दूर सी हो गई है। इस योजना से मिली पहली किश्त की राशि ने उसके दुःख और कर्ज के बोझ को हल्का कर ज़िंदगी में खुशियों की मिठास घोल दी है।
जांजगीर-चाम्पा जिले के पामगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम चंडीपारा में रहने वाली विधवा सुना बाई यादव ने बताया कि वह खेतों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रही है। बीमार होने पर कई बार वह मजदूरी करने नहीं जा पाती है तो घर का खर्च चलाने में दिक्कतें आ जाती है। उसने बताया कि उनके पास कोई खेत नहीं है। जब उनका नाम राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर के लिए जोड़ा गया तो उन्हें बहुत खुशी हुई कि छत्तीसगढ़ की सरकार हम जैसे भूमिहीन और जरूरतमंद लोगों की सुध ले रही है। सुना बाई ने बताया कि उनके खाते में राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की पहली किश्त आ गई है। इस राशि से उनकी कई जरूरते भी पूरी हुई है। उन्हें किसी से कर्ज लेना भी नहीं पड़ा। सुना बाई ने कहा कि इस तरह की योजनाओं से हम जैसे गरीब मजदूरों का बहुत भला होगा। परिवार भी सम्भल जाएगा और अनावश्यक कर्ज के बोझ में किसी को दबना नहीं पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि जिले में कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला द्वारा शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ गरीब भूमिहीन मजदूरों को दिलाने के लिए न सिर्फ अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया गया,बल्कि उन्होंने मुनादी कराकर हर पात्र मजदूरों के नाम जोड़ने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने स्वयं ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा कर किसानों को जागरूक कर शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। यह उनका ही प्रयास है कि आज सुना बाई जैसी गरीब और जरूरतमंद भूमिहीन कृषि मजदूर को राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ मिल पा रहा है। जिले में 19 हजार 141 हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। शासन द्वारा पात्र नये हितग्राहियों का नाम सूची में शामिल करने की प्रक्रिया भी चल रही है।

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